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उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनीष्काने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता सुनाया है जिसके बोल है हंसता खेलता मेरा बचपन
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उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनिष्का ने एक कविता सुनाया है जिसके बोल है मैं थोड़ा थक गया हूँ इसलिए मैंने ज्यादा बोलना बंद कर दिया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने रिश्ते बनाना बंद कर दिया है । मैंने बात करना छोड़ दिया है , हाँ , मैं इस भीड़ में अकेला महसूस करता हूँ , लेकिन ऐसा नहीं है कि मैंने अपनापन छोड़ दिया है । वह वही है जिसकी मुझे परवाह है लेकिन मैंने उसे बताना बंद कर दिया है कि मैं कितना करता हूं , इसलिए मैं थोड़ा थक गया हूं ।
उत्तप्रदेश राज्य के आजमगढ़ ज़िला से अनुष्का मौर्या ,मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता 'बुजुर्ग परिवार की शान है 'सुना रही है।
उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनीष्का ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक एक कविता सुनाई है जिसके शीर्षक है आधुनिक बने
उत्तेर प्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनिष्का ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता सुनाया है जिसकी पंक्तिया है पीपल के नीचे बैठे मूल बेटे के नाम की कविता अचानक गायब हो जाती है या मुझे प्यास लगती है । रात के घने समय में अपने नीले अक्षरों को टूटने या एक मंजिला स्तंभ को अपने से गिरने न दें अन्यथा आप एक सूखी भूमि के बीच में अंतहीन रूप से खड़े रहें । असहाय हरिक को क्रूर पंजों में मरते हुए या फिसलन भरी समतल भूमि पर पड़े के कंकाल में या कहीं दूर क्षितिज के आगे एक जीर्ण - शीर्ण नाव के दृश्य को देखा जा सकता था । तग्गर हो ऐसा कविता मैं सपना देखता हूँ और वह सपना दिल दहला देने वाला है अचानक नींद से जागो और मुझे अपने पास न पाओ
अनिष्का द्वारा प्रस्तुत एक कविता उब गया हूं मैं