उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिला से अनुष्का मौर्या ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रस्तुत किया कविता।

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अमित के मारा ने अगमगढ़ में बाल वामी से बात की , आप कोने में बैठकर क्यों रोते हैं , आप कोने में बैठकर क्यों रोते हैं , आप कोने में बैठकर क्यों रोते हैं , आप क्यों रोते हैं , आप क्यों रोते हैं ? वह सपनों से क्यों डरता है , वह आंसुओं से क्यों डरता है , वह मेहनत से क्यों डरता है , वह झूठ बोलने वालों से क्यों डरता है , वह गिरने से क्यों डरता है । तो मुट्ठी में पैसा रेखाओं को ले जाता है जैसे कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता , शुरुआत साहचर्य के घर से डरती नहीं है , वह परेशानी से क्यों डरती है , तो लड़ाई से पीछे क्यों हटें , आपको किसने रोका ?

उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनिष्का ने मोबाइल वानिकी माध्यम से एक कविता सुनाया है जिसके बोल है रास्ता और चमका दिया

उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की एक श्रोता ने मोबाइल वाणी ने माध्यम से एक कविता सुनाई है

उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनीष्का ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक एक कविता सुनाई है जिसके बोल है मन की व्यथा

आजमगढ़ से हमारी श्रोता अनुष्का मौर्या ,मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता प्रस्तुत कर रही है

उत्तरप्रदेश राज्य की अनिष्का ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता सुनाई है जिसकी पंक्तिया है इस कविता को पढ़ना होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की अनिष्का ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता सुनाया है जिसके बोल है गुजरा हुआ वक्त लौट के आता नहीं आता

और हमारा अरंबर मोबाइल वानी के साथ जाता है , और मैं उसके साथ जाता हूं , इसलिए यह भी एक अच्छी बात है , लेकिन बेवफाई से , मैं घर पर ये खामोशी देता हूं , लेकिन मैं क्या करूं , मैं उसके साथ जाता हूं , हवा से हर घाव की रक्षा करता हूं । रखा है ये पुरत्तर पुरवाई हमेशा चल चल काटी लाना शुरू हुआ था दुआओं खैर खवाई साथ चल सब ए वर्ष की खुशी मनते बहुत कैसे हर वक्त तेरी जुदाई सफर में रफी ए सफर का क्या करते तेरा साया तेरी पा ।