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गर्भावस्था में सही खानपान के कुछ महत्वपूर्ण कारण: बच्चे का विकास: गर्भावस्था के दौरान, बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास तेज़ी से होता है। सही आहार बच्चे के अंगों, हड्डियों, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों के विकास में मदद करता है। फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। माँ का स्वास्थ्य: गर्भावस्था में सही खानपान माँ को ऊर्जा प्रदान करता है और थकान, मतली और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है। यह माँ के रक्तचाप को नियंत्रित रखने, एनीमिया से बचाने और गर्भावस्था के दौरान होने वाली अन्य जटिलताओं के खतरे को कम करने में मदद करता है। सही आहार लेने से माँ का इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है और संक्रमण से बचाव होता है। जन्म के समय बच्चे का स्वस्थ वजन: सही खानपान से बच्चे का जन्म के समय स्वस्थ वजन सुनिश्चित होता है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम होता है। प्रसव के बाद जल्दी रिकवरी: सही खानपान माँ को प्रसव के बाद जल्दी ठीक होने में मदद करता है और स्तनपान के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व: फोलिक एसिड: यह बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आयरन: यह एनीमिया से बचाता है और बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है। कैल्शियम: यह बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोटीन: यह बच्चे की कोशिकाओं और ऊतकों के निर्माण के लिए आवश्यक है। विटामिन डी: कैल्शियम को अवशोषित करने और हड्डियों के निर्माण के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था में क्या खाएं: ताजे फल और सब्जियां साबुत अनाज दालें और फलियां लीन प्रोटीन (जैसे मछली, चिकन, अंडे) डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, दही, पनीर) गर्भावस्था में क्या न खाएं: कच्चा या अधपका मांस और मछली कच्चे अंडे अपाश्चुरीकृत डेयरी उत्पाद कैफीन और शराब अधिक वसायुक्त और मीठे खाद्य पदार्थ सलाह: गर्भावस्था के दौरान अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कौन सा आहार सबसे अच्छा है। विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं ताकि आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। पर्याप्त पानी पिएं। नियमित रूप से व्यायाम करें।
गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील अवस्था होती है, जिसमें मां और बच्चे दोनों की सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस समय महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनका सही तरीके से ख्याल रखना आवश्यक होता है। इसके लिए कुछ मुख्य उपायों का पालन किया जा सकता है.
पूर्णिया जिला से प्रफुल्ल मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि सीवियर एनीमिया में महिलाओं का हीमोग्लोबिन कितना होता है ?
नमस्कार आदाब साथियों वो कहते हैं न कि अगर " हम वन्य जीवों को सुरक्षित रखते हैं ,तो हम सिर्फ उनका नहीं बल्कि कहीं न कहीं खुद को भी सुरक्षित रखते हैं ।' जी हां साथियों ,यह वाक्य केवल वाक्य नहीं, बल्कि प्रकृति के संतुलन के लिए मनुष्य ,जीव,पेड़ पौधे किसी न किसी तरह एक दूसरे से जुड़े हुए है। वन्यजीवों के सम्मान और जैवविविधता के महत्व को बनाए रखने के उद्देश्य से हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। विश्व वन्यजीव दिवस हर वर्ष एक थीम पर मनाई जाती है और इस वर्ष यानि 2025 की थीम है : वन्यजीव संरक्षण वित्त : लोगों और ग्रह में निवेश। दोस्तों , पर्यावरण संतुलन ,जैव विविधता काफ़ी हद तक वन्य जीवों पर निर्भर करता है और दुनिया की आधी से ज़्यादा जीडीपी प्रकृति पर निर्भर करता है। लेकिन अभी के युग में बढ़ता प्रदूषण ,पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ,जलवायु परिवर्तन आदि के कारण कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और पृथ्वी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसीलिए वन्य जीव के संरक्षण के लिए धन जुटाने का नया तरीका खोजना बहुत ज़रूरी है। साथियों , वन्यजीव दिवस हमें प्रकृति और उसमें मौज़ूद जीवों की रक्षा करने की हमारी ज़िम्मेदारी को याद दिलाता है। प्रकृति के लिए वन्य जीवों का संरक्षण करना हर एक मनुष्यों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। तो आइये हम सभी मिलकर वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रयास करें इसके साथ ही आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी के पूरे परिवार की ओर से विश्व वन्य जीव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। दोस्तों यह सच है कि एक निर्णय इंसान का जीवन बदल देता है। अगर सही वक्त पर सही निर्णय लिया जाये तो जीवन सुधर जाता है। लेकिन जल्दबाजी में लिए गए एक गलत निर्णय इंसान को अर्श से फर्श तक ले आता है. पर यह भी सच है कि कोई भी निर्णय लेने में हमारा मन और मस्तिष्क का बहुत बड़ा योगदान होता है. जी हां दोस्तों हमारे द्वारा लिया जाने वाले हर निर्णय के पीछे हमारा मन मस्तिष्क का खेल होता है तभी तो हम कई बार मानसिक दबाव में आकर इतने उलझ जाते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि आखिर सही डिसीजन यनि की निर्णय कब और कैसे लिया जाए। हम अपने जीवन में सही निर्णय ले सके इसके लिए जरूरी है की हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं होती। .......तो चलिए, आज की कड़ी में जानते हैं की हमारे फैसलों में मानसिक स्वस्थ्य की क्या भूमिका है और हमें मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखना चाहिए। ...हां तो साथियों अभी आपने सुना की मानसिक तनाव का प्रभाव हमारे ऊपर कैसे पड़ता है। अब आप बताये कि क्या आपके साथ कभी ऐसा हुवा है कि आप जल्दबाज़ी में कोई फैसला लेने ही वाले थे पर ऐन वक्त पर किसी ने आप को रोक लिया हो और बाद में आप को समझ आया हो की आप का लिया गया फैसला गलत होता ? ऐसे स्थिति में कैसा अनुभव था आप का ? और आप के अनुसार हमारे ज़िन्दगी के फैसलों में करीबी लोगो की क्या भूमिका होती है ? क्या सच में ज़िन्दगी के बड़े फैसले हमें खुद ही लेने होते है ? या यह केवल एक सुनी सुनाई बातें है ?इस पर अपनी राय, प्रतिक्रिया या फिर इससे जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो वो भी हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
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बिहार राज्य के नालंदा जिला से इंदिरा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहती हैं कि, गर्भवास्था के दौरान यदि उलटी हो रहा हो तो क्या करना चाहिए ?