बिहार राज्य के पूर्णिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता दीपक कुमार ने नूर जबीन से साक्षात्कार लिया।नूर जबीन ने बताया कि इनके फोन पर पूर्णिया मोबाइल वाणी के माध्यम से सन्देश प्राप्त हुआ था,जिसमे बताया गया था कि गर्भवती महिलाओं को यदि खून की कमी हो तो आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन लेना चाहिए। सन्देश सुनकर नूर जबीन जागरूक हुई और आशा दीदी के साथ जाकर आयरन सुक्रोज़ का पहला इंजेक्शन लिया। बाद में समय समय पर ये सभी पांच डोज़ लेती रहीं ।उनको यह डोज़ लेकर अच्छा महसुसु हुआ और स्वास्थ्य लाभ हुआ।पहले उनको थकावट ,कमजोरी लगता था लेकिन आयरन सुक्रोज़ का डोज़ लेने के बाद अच्छा लग रहा है। डोज़ लेने के समय उनको कोई दिक्कत नहीं हुई थी।उनको डोज़ लेने के लिए बहुत दूर जान पड़ता था।वह आशा दीदी के साथ 9 तारीख को पहला डोज़ लेने गयी थी।घर वाले उनको डोज़ लेने के लिए मना कर रहे थे क्योंकि दूर पड़ता था और परेशानी होता था।लेकिन परेशानी के बाद भी वह पाँचों डोज़ ले ली हैं।

बिहार राज्य के पूर्णिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता दीपक कुमार ने सुरुचि देवी से साक्षात्कार लिया।सुरुचि देवी ने आयरन सुक्रोज से संबंधित कार्यक्रम को ध्यान से सुना और संदेश लाभदायक लगा।यह चाहती हैं कि यह संदेश सुरजापुरी भाषा में भी प्रसारित होना चाहिए। ताकि सभी लोगों को समझ में आ सके।वह आयरन सुक्रोज की 3 खुराक ले चुकी हैं और एक खुराक बचा हुआ ।उनको इंजेक्शन लेने जाने में बहुत दिक्कत होता है। बहुत दूर जाना पड़ता है ।संदेश के समय वह घर के कामों में व्यस्त रहती हैं और उनके क्षेत्र में एयरटेल के सीम में नेटवर्क की समस्या रहती है ।सुरुचि चाहती हैं इनको हमेशा आयरन सुक्रोज सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधित सन्देश मोबाइल पर प्राप्त होते रहें

बिहार राज्य के पूर्णिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता दीपक कुमार ने नज़राना से साक्षात्कार लिया।नज़राना ने बताया कि इन्होने गर्भावस्था के दौरान सरकारी अस्पताल में आयरन सुक्रोज के सभी चार डोज़ लिया है।पूर्णिया मोबाइल वाणी के तरफ से इनको समय समय पर निरंतर आयरन सुक्रोज के सभी डोज़ लेने के लिए सन्देश मिलता रहता था।साथ ही पौष्टिक आहार की उपयोगिता के बारे में जानकारियां दी जाती थी। चाय एवं काफी नही पीने की सलाह दी जाती थी। ये सभी जानकारियां नज़राना के लिए नई थी। पहले उनको इसके बारे में पता नही था। गर्भावस्था के समय इनको चक्कर आता था,कमजोरी महसूस होता था,हमेशा नींद आती थी और थकान के कारण कोई काम करने का मन नही करता था।फिर अस्पताल में इनका स्वास्थ्य जाँच किया गया और जाँच रिपोर्ट में पाया गया कि इन्हें खून की कमी है।तत्काल इनको सलाईन चढ़ाया गया और समय समय पर आयरन सुक्रोज के चार डोज दिए गए।आयरन सुक्रोज के सभी डोज लेने के बाद इनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ एवं शरीर में ताकत महसूस हुआ।

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गर्भावस्था में सही खानपान के कुछ महत्वपूर्ण कारण: बच्चे का विकास: गर्भावस्था के दौरान, बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास तेज़ी से होता है। सही आहार बच्चे के अंगों, हड्डियों, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों के विकास में मदद करता है। फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। माँ का स्वास्थ्य: गर्भावस्था में सही खानपान माँ को ऊर्जा प्रदान करता है और थकान, मतली और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है। यह माँ के रक्तचाप को नियंत्रित रखने, एनीमिया से बचाने और गर्भावस्था के दौरान होने वाली अन्य जटिलताओं के खतरे को कम करने में मदद करता है। सही आहार लेने से माँ का इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है और संक्रमण से बचाव होता है। जन्म के समय बच्चे का स्वस्थ वजन: सही खानपान से बच्चे का जन्म के समय स्वस्थ वजन सुनिश्चित होता है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम होता है। प्रसव के बाद जल्दी रिकवरी: सही खानपान माँ को प्रसव के बाद जल्दी ठीक होने में मदद करता है और स्तनपान के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व: फोलिक एसिड: यह बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आयरन: यह एनीमिया से बचाता है और बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है। कैल्शियम: यह बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोटीन: यह बच्चे की कोशिकाओं और ऊतकों के निर्माण के लिए आवश्यक है। विटामिन डी: कैल्शियम को अवशोषित करने और हड्डियों के निर्माण के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था में क्या खाएं: ताजे फल और सब्जियां साबुत अनाज दालें और फलियां लीन प्रोटीन (जैसे मछली, चिकन, अंडे) डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, दही, पनीर) गर्भावस्था में क्या न खाएं: कच्चा या अधपका मांस और मछली कच्चे अंडे अपाश्चुरीकृत डेयरी उत्पाद कैफीन और शराब अधिक वसायुक्त और मीठे खाद्य पदार्थ सलाह: गर्भावस्था के दौरान अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कौन सा आहार सबसे अच्छा है। विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं ताकि आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। पर्याप्त पानी पिएं। नियमित रूप से व्यायाम करें।

गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील अवस्था होती है, जिसमें मां और बच्चे दोनों की सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस समय महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनका सही तरीके से ख्याल रखना आवश्यक होता है। इसके लिए कुछ मुख्य उपायों का पालन किया जा सकता है.

पूर्णिया जिला से प्रफुल्ल मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि सीवियर एनीमिया में महिलाओं का हीमोग्लोबिन कितना होता है ?