बिहार राज्य के पूर्णिया जिले से रंजीत कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पूर्णिया में गर्भवती महिलाओं के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और सभी को एक जुट कर के समाज में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए

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गर्भावस्था में सही खानपान के कुछ महत्वपूर्ण कारण: बच्चे का विकास: गर्भावस्था के दौरान, बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास तेज़ी से होता है। सही आहार बच्चे के अंगों, हड्डियों, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों के विकास में मदद करता है। फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। माँ का स्वास्थ्य: गर्भावस्था में सही खानपान माँ को ऊर्जा प्रदान करता है और थकान, मतली और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है। यह माँ के रक्तचाप को नियंत्रित रखने, एनीमिया से बचाने और गर्भावस्था के दौरान होने वाली अन्य जटिलताओं के खतरे को कम करने में मदद करता है। सही आहार लेने से माँ का इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है और संक्रमण से बचाव होता है। जन्म के समय बच्चे का स्वस्थ वजन: सही खानपान से बच्चे का जन्म के समय स्वस्थ वजन सुनिश्चित होता है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम होता है। प्रसव के बाद जल्दी रिकवरी: सही खानपान माँ को प्रसव के बाद जल्दी ठीक होने में मदद करता है और स्तनपान के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व: फोलिक एसिड: यह बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आयरन: यह एनीमिया से बचाता है और बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है। कैल्शियम: यह बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोटीन: यह बच्चे की कोशिकाओं और ऊतकों के निर्माण के लिए आवश्यक है। विटामिन डी: कैल्शियम को अवशोषित करने और हड्डियों के निर्माण के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था में क्या खाएं: ताजे फल और सब्जियां साबुत अनाज दालें और फलियां लीन प्रोटीन (जैसे मछली, चिकन, अंडे) डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, दही, पनीर) गर्भावस्था में क्या न खाएं: कच्चा या अधपका मांस और मछली कच्चे अंडे अपाश्चुरीकृत डेयरी उत्पाद कैफीन और शराब अधिक वसायुक्त और मीठे खाद्य पदार्थ सलाह: गर्भावस्था के दौरान अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कौन सा आहार सबसे अच्छा है। विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं ताकि आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। पर्याप्त पानी पिएं। नियमित रूप से व्यायाम करें।

गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील अवस्था होती है, जिसमें मां और बच्चे दोनों की सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस समय महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनका सही तरीके से ख्याल रखना आवश्यक होता है। इसके लिए कुछ मुख्य उपायों का पालन किया जा सकता है.

पूर्णिया जिला से प्रफुल्ल मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि सीवियर एनीमिया में महिलाओं का हीमोग्लोबिन कितना होता है ?

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