बिहार राज्य के पूर्णिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता दीपक कुमार ने 'एनीमिया के बढ़ते प्रभाव' पर एनम आर्सिना बास्की से साक्षात्कार लिया।एनम आर्सिना बास्की ने बताया कि वो पीएचसी बायसी लेबर रूम में काम करती हैं। सरकार के पहल पर ये गर्भवती महिलाओं को आयरन सुक्रोज के बारे में जागरूक करती हैं। हर महीना स्वास्थ्य केंद्र पर 'मातृत्व सुरक्षित अभियान' के तहत लाभार्थी की जाँच की जाती है।जाँच के माध्यम से "एनीमिया माताओं" की पहचान होती है और उन्हें आयरन सुक्रोज के लिए काउंसलिंग की जाती है तथा आयरन सुक्रोज चढ़ाया जाता है।पहला डोज़ लगाकर भेज दिया जाता है। मगर आयरन सुक्रोज का दूसरा डोज़ देना चुनौतीपूर्ण होता है,क्योंकि महिलाएं डोज़ लेने के प्रति सजग नही रहती हैं।पूर्णिया मोबाइल वाणी के प्रयासों से तथा उनके द्वारा भेजे जाने वाले संदेशों को सुनकर महिलाएं जागरूक होती हैं और आयरन सुक्रोज लेने के लिए प्रेरित होती हैं।जो भी महिलाएं पीएचसी का दूसरा डोज़ लेने आती हैं वो कहती हैं कि वो पूर्णिया मोबाइल वाणी सुनकर आई हैं।मोबाइल पे अधिक से अधिक स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारियां मिलने से बहुत लाभ हुआ है।गर्भावस्था के दौरान रहन-सहन,खान-पान,सफाई का महत्व,इत्यादि के बारे में पूर्णिया मोबाइल वाणी द्वारा दी गई जानकारियां उपयोगी है।एनम आर्सिना बास्की का पूर्णिया मोबाइल वाणी से अनुरोध है कि गर्भवती महिलाओं के देखरेख सम्बंधित जानकारियां सुरजापुरी भाषा में भी प्रसारित किया जाए। स्थानीय बोलचाल की भाषा सुरजापुरी होने के कारण महिलाओं को सन्देश समझने में आसानी होगी और वो ज्यादा लाभान्वित हो पाएंगी।गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने के लिए पूर्णिया मोबाइल वाणी के द्वारा फ़ोन पर आवश्यक और ज्ञानवर्धक सन्देश निरंतर प्रसारित होनी चाहिए।