दोस्तों, एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी आंखों से | घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है.

खुद का खेल बनाना बच्चों को सीखने में मदद करता है, इससे उनका दिमाग तेज़ होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है | खेल में माता पिता का साथ बच्चों और उनके बीच के रिश्ते को और गहरा करता है | क्या आप अपने बच्चों के साथ उनके द्वारा बनाया गया कोई खेल खेलते है ?

सीखना है बहुत ज़रूरी, और बच्चे सबसे जल्दी चीज़ें सीखते है | इसीलिए उनके आसपास का माहौल अच्छा होना चाहिए | सुनिए इस कहानी को, और जानिये कहाँ से और किस तरह से बच्चे एक दुसरे से सीखते है |

आइये जानते है अलग अलग कीड़ों के बारे में |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

किताबों की दोस्ती से मिलती है बहुत सारी जानकारी | इसीलिए बच्चों का किताबों के प्रति लगाव होना है ज़रूरी | तो सुनिए इस कहानी को और समझिये बच्चों और किताबों की दोस्ती के बारे में |

साथियों, बच्चे बड़ों को देखकर ही काफी कुछ सीखते और समझते है | इसीलिए जिस माहौल में हम उन्हें ढालेंगे, बच्चे वैसे ही बनेंगे | ये कहानी भी इसी बात से प्रेरित है, इसे सुनियेगा ज़रूर |दोस्तों, इस कहानी से हमे ये सीखने मिलता है कि बच्चे बडों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं.. चलिए तो अब आप हमें बताएं कि आप बच्चों के सामने व्यवहार किस तरह से करते हैं? किन बातों का ध्यान रखते हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

छुट्टी का दिन होता है बच्चों के लिए बहुत मजेदार, जहाँ करते है वो खूब मस्ती | सुनिए इस कहानी को और हमें बताइए आपके बच्चे किस तरह की मस्ती करते है |

सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

अगर आपको भी गुस्सा आ रहा है, तो उसे शांत करने के है कई तरीके | सुनिए इस कहानी को, और जानिये कि गुस्से को कैसे कर सकते है कम |