अशोकनगर के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव से एक दिन पहले जिला सदस्य के पति ने पार्टी बदली है। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। सांसद डॉक्टर के पी यादव के भाई अजय पाल यादव ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इस दौरान मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव भी मौजूद थे। अजय पाल यादव सांसद केपी यादव के छोटे भाई हैं, एवं उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं। सोमवार को अशोकनगर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव होगा एक दिन पहले ही सदस्य के पति ने पार्टी बदल ली है, उन्होंने कहा है कि श्रीमंत सिंधिया जी की कार्यशैली को देखकर उनके सानिध्य में काम करना चाहते हैं।

अशोकनगर की कोतवाली थाना पुलिस ने एक बाइक चोर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। चोर के कब्जे से पुलिस ने चोरी हुई दो बाइक भी बरामद कर ली है। यह दोनों बाइक शहर से ही चोरी की गई थी, मोटरसाइकिल चोरी करने वाला चोर विदिशा जिले का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि फरियादी संजय नामदेव निवासी वेदांत भवन ने 27 फरवरी को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, सेन चौराहे से डीलक्स कंपनी की हीरो एचएफ एमपी 67 एमडी 8678 चोरी हुई थी, दूसरी 3 फरवरी को नया बस स्टैंड निवासी विशाल खटीक ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी उसकी बाइक भी बरामद हो चुकी है।

रूढीवाद सामाजिक विज्ञान के तहत स्थापित एक ऐसी विचारधारा है जो पारंपरिक मान्यताओं का अनुकरण तार्किककता या वैज्ञानिकता के बजाए केवल आस्था तथा प्राप्त अनुभवों के आधार पर करती है। यह सामाजिक और नैतिक मान्यताओं को चिरकाल तक प्रचलित मान्यताओं और व्यवस्थाओं के प्रति अपनी भागीदारी सिद्ध करती है। किसी भी समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता जैसी बुराई किसी भी देश की प्रगति को पीछे धकेल देती है। रूढ़िवादिता हमारे नवयुवकों को भाग्यवादिता की और ले जाती है। इसके फलस्वरूप् वे कर्महीन हो जाते है और असफलताओं में अपनी कमियों को ढ़ूढने की बजाए इसे भाग्य की परिणिति का रूप दे देती है। आज हम बात करेंगे रूढ़िवादी बनाम बेडियां।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू लाही या माहू से फसलों को होने वाले नुकसान एवं उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मिर्च में लगने वाले माइट कीट और इसके नियंत्रण की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

नमस्कार/आदाब श्रोताओं, मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो मध्यप्रदेश इंदौर में अलर्ट्स हाउसिंग प्रा. लिमिटेड इंदौर में बिक्री कार्यकारी के पद पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते है जिन्होंने उच्चतर माध्यमिक 12वीं पास किया हो। इस पद के लिए आवेदनकर्ता को स्थानीय भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा और कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए । इन पदों पर वेतन 10,000.00 - ₹13,000.00 प्रतिमाह दिया जाएगा । साथ ही उम्मीदवार के पास अपना दोपहिया वाहन और वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इच्छुक उम्मीदवार किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर से संपर्क कर सकते हैं नंबर है - 917223896389 .और अपना बायोडाटा भेज सकतें हैं। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी ऐप पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

आज की कड़ी में हम सुनेंगे की सोशल मीडिया के द्वारा कैसे हमारी जानकारीयां कहीं और भी जा रही होती है

आप सभी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है किसी ने देखा भी हो। मोटा-मोटी कहा जाए तो हर कोई जानता है कि बूथ कैप्चरिंग क्या होती है और कैसे होती है। इसको और बेहतर तरीके से समझना हो तो इस तरह से भी देखा जा सकता है कि भारत में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में सुरक्षा बल एक अनिवार्य जरूरत हैं। सुरक्षा बलों के बिना निष्पक्ष चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले 75 सालों में इस एक मसले पर कुछ भी नहीं बदला है। यह हाल तब है जब पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों को देख कर डरने की प्रवत्ति आम है। ऐसे में कहना कि चुनाव निष्पक्ष होते हैं एक क्रुर मजाक से ज्यादा कुछ नहीं।