चुनाव लड़ने के लिए नेता जिस तरह से दल बदल का खेल करते हैं उसमें जनता, लोकतंत्र, विचारधारा, राजनीतिक वफादारी जैसे शब्द अपनी महत्ता खो देते हैं। नेताओं द्वारा ऐसा करने से केवल शब्द ही नहीं लोकतंत्र की वह भावना भी अपने वास्तविक अर्थों में खत्म हो जाती है, जो जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता का शासन से संचालित होती है।

ग्राम वाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी, डिंडोरी जिले से शहपुरा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 103 से विधायक भूपेंद्र मरावी l श्री मरावी से बृजेश शर्मा की बातचीतl

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि धान में गंधीबग कीट के बारे में जानकारी दे रहे है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ धान की फसल में कंडवा रोग के उपचार की जानकारी दे रहे है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

विजय सत्य की हुई हमेशा, हारी सदा बुराई है ! आया पर्व दशहरा बतलाता, करना सदा भलाई है !! साथियों, भारत एक त्यौहारों का देश है और यहां पर कई प्रकार के त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं। सभी त्योहारों के पीछे कोई विशेष महत्व होता है। इन्हीं त्यौहारों में दशहरा भी एक मुख्य त्यौहार है। यह त्यौहार हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के त्योहारों में दशहरा का त्यौहार मनाने के पीछे भी एक मुख्य कारण है। क्योंकि इस दिन से पहले मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया था और इसी दिन इसका वध किया था। | इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने ने भी लंका के राजा रावण का वध किया था तब से इस विजय स्मृति को विजयादशमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है | दशहरा प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का, अहंकार के पराजय का और दुनियाँ में सत्य के महत्व को दर्शाने का। दोस्तों आइए आज के दिन हम शपथ लें .. अपने जीवन में लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्यागकर, क्षमारूपी बन कर जीवन जियेंगे। दशहरा के इस पावन अवसर पर आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की और से विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

चुनाव का माहौल देखरकर जनता भी उत्साहित है कि वह एक बार फिर उसके अपने हितों के लिए काम करने वाली सरकार का चुनाव करेगी। जनता उत्साहित भले ही हो कि उसके लिए काम करने वाली सरकार का चुनाव हो रहा है, लेकिन इसमें उसकी भागीदारी नहीं के बराबर है। अगर भागीदारी होती तो राजनीतिक दल उनकी पसंद के उम्मीदवारों को मैदान में उतारते, लेकिन यहां तो हालात ऐसे हैं कि जो भी चुनाव जिता सके उसे उम्मीदवार बना दिया जा रहा है।

छिपकली का शरीर पर गीरना, महिला के हाथ में खाली घड़ा देखना, बिल्ली का रास्ता काटना, मुंडेर पर उल्लू आकर बैठना या उसने आवाज निकालना, बात करते हुए छिक आना जैसी घटनाओं को हम शुभ या अशुभ के साथ जोड़ते है। मान्यता है कि अपशकुन हो जाए तो अच्छे भले चलते हुए काम भी रूक जाते हैं, जीवन में कई मुसीबतें आ जाती हैं। शुभ अशुभ संकेतों को लेकर हमारे बड़े बुजुर्ग इन से बचने की सलाह न जाने कब से देते आ रहे हैं। शकुन अपशकुन अंधविश्वास पर आधारित अवधारना है। शकुन यानी भविष्य में घटीत होने वाली शुभ या अशुभ बातों की सूचना देना है। शकुन व अपशकुन यह शकुन के दो प्रकार हैं लेकिन इस की और देखने की कई प्रकार की विधियां है। इसी को कुछ जगह सच-झूठ, दाहिना-बाया, शुभ- अशुभ इस तरह की पर्यावाची नाम दिए जाते है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू ,टमाटर की खेती के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे है । टमाटर के उन्नत किस्म और इसके उपचार की अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हम जानेंगे - बकरी के घर को साफ़ रखना क्यों जरूरी है ? अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.