नमस्कार आदाब श्रोताओं, मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा निकाली गई 07 साइंटिफिक ऑफिसर बायोलॉजी के पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं।इन पदों पर वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से MSc + 2 साल का अनुभव प्राप्त किया हो। इसके साथ ही उम्मीदवार की अधिकतम आयु 21-40 वर्ष होनी चाहिए।आवेदन शुल्क अनुसूचित जाति ,जनजाति,पिछड़ा वर्ग या अन्य अभ्यर्थियों के लिए 250 रूपए और सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 500 रूपए रखा गया है। इस पद के लिए वेतनमान15,600 - 39,100 प्रति माह किया जाएगा।इस पद के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं ,ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है mppsc.mp.gov.in.आवेदन कर्ता का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर चयन होगा।याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 06-12-2023 है।तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।
राजीव जी की डायरी व राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य पर विनोद तिवारी सर से विशेष बातचीत
ग्रामवाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी में बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्र लांजी की विधायक एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे से बृजेश शर्मा की बातचीत
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संपूर्ण विश्व में प्रकृति और पुरूष अर्थात जड़ और चेतन दो तत्वों की सत्ता है। इन दो गुण धर्मो से पृथक किसी तीसरे तत्व की अनुभूति किसी को नहीं होती। परंपरा से चली आरही कहानियों पर भरोसा कर मनुष्य पूर्वग्रहरहित और निष्पक्ष होकर प्रकृति के गुण धर्मो का अध्ययन नहीं करना चाहता। क्यों कि इससे उसके दैवीय कल्पना का महल ध्वस्त होन लगता है। इस लिए वह परंपरा में मिली बातों पर भरोसा करने लगता है। भूत-प्रेत, जिन्द, चुडैल, मरी-मशान, ब्रम्ह राक्षस आदि का कही कोई अस्तित्व नहीं है। फिर भी परंपरा में सुनी सुनाई बातो एवं अज्ञानवश मनुष्य भू-प्रेत आदि के भ्रम में पड़ा हुआ है श्री लंका के डाॅ अब्राहम कोवूर और अमेरिका के जेम्स रैंडी ने भूत के दावेदारों को खुल चुनौती दे रखी थी । अमेरिका में दि कमेटी फाॅर दिसाइंटिफिक इन्वेस्टीगेशन ऑफ दि क्लेम्स ऑफ दि पैरानाॅर्मल नाम की वैज्ञानिक संस्था ने भूत के तत्थों को बेनकाब किया है। आज तक तमाम दावेदार भूत का अस्तीत्व होने की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए है। महाराष्ट्र की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निमूर्लन समिति भूत दिखाओ 21 लाख का इनाम ले जाओं घोषणा करते आ रही है लेकिन आब तक काई भूत नहीं दिखा पाया है।
ग्राम वाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी, में आज हमारे साथ हैं नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 121 से विधायक श्रीमती सुनीता पटेलl श्रीमती सुनीता पटेल पिछले पांच वर्षों से गाडरवारा से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रही हैंl
समाज में बढ़ते आधुनिकतावाद में आस्था व अंघविश्वास से जुड़े विषय भी फैशन का जगह ले लेते है। पैर में काला धागा बांधने का समाज में फैशन सा चल पड़ा है। माना जाता है कि पैरों में काला धागा पहनने से बुरी नजर नहीं लगती है। इस के साथ नकारात्मक उर्जा कोसों दूर रहती है, जिस से स्वास्थ्य और तरक्की पर बुरा असर नहीं पड़ता है। काला धागा पांव में बांधने के वर्तमान में चाहे जो भी कारण हो लेकिन यह हमारी अंधविश्वासी सोच व मानसिकता गुलामी को दर्शाता है। आज भले शुद्रों को अपनी पहचान के लिए काला धागा नहीं बांधना पड़ रहा हो लेकिन ज्यादातर लोग बुरी आत्मा, बुरी शक्तियों से बचने अपने पांव में काला धागा बांध रहे है। 21 वी सदी के वैज्ञानिक युग में भी हम पुरानी दकियानुसी, गुलामी या जातियों के श्रेणी में अछुत होने की पहचान रखने का काला धागा अपने पांव में बांध रहे है।
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सवाल है कि जिस कानून को इतने जल्दबाजी में लाया जा रहा हैं उसके लागू करने के लिए पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं की गई, या फिर यह केवल आगामी चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।
गठबंधन द्वारा बैन किये जाने के बाद के सबसे पहला विरोध इन एंकरों की तरफ से आया ‘जिन्होंने नाखून कटाकर शहीद होने की घोषणा कर दी’, खुद पर लगाए बैन को आपातकाल घोषित कर पत्रकारिता पर हमला तक करार दे दिया। जिन 14 एकंरों पर बैन लगा उनमें से ज्यादातर ने बैन वाले दिन भी अपने प्रोग्राम किये, और अपने प्रोग्राम में विपक्ष द्वारा लगाए गये बैन को गलत बताया लेकिन उनमें से किसी एक ने भी यह बताने कि हिम्मत नहीं कि बैन लगाए जाने के पीछे का कारण क्या है? जबकि दर्शकों को यह बात सबसे पहले बताई जानी चाहिए थी जबकि यह पेशगत ईमानदारी से जुड़ा मसला है।