मध्यप्रदेश राज्य के जिला इंदौर से मुकेश सिंह चौहान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि किसानों के हित में एम.एस.पी ज़रूरी है। किसान जो एम.एस.पी की मांग कर रहे है वह जायज़ है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला इंदौर से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए।

मध्यप्रदेश राज्य के जिला इंदौर से आदित्य , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राजनाथ से हुई। राजनाथ यह बताना चाहते है है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना ज़रूरी है यह मिलना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य तभी मिलेगा जब उनके लिए बेचना आसान होगा

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बैगन को कोहरे से बचाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

नमस्कार आज मंगलवार 20 फरवरी है, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। सुनिये मध्यप्रदेश की आज की अहम खबरें।

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित है जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। इन मान्यताओं के कारण भारत की अधिकांश जनता अपने मन में वहम पालकर जीवन जीती है। निर्णयहीन होकर किसी अनहोनी की आशंका से डरी हुई रहती है और धर्मभीरू बन जाती है। मेरा अनुभव कहता है जो लोग अंधविश्वासों को मानते हैं वह डरे हुए ही जीवन गुजार देते हैं लेकिन साहसी लोग अपनी बुद्धि और समझ पर भरोसा करते हैं। आज हम बात करेंगे सामाजिक मान्यताएं और अंधविश्वास पर। समाज में ढ़ेरों मान्यताएं है जिनमें से कुछ को हम अपने संस्कृति का हिस्सा मानते है। तो ऐसे मान्यताएं है जो लोक परंपरा और स्थानीय लोगों की स्वीकोरोक्ति पर आधारित है हालांकि इनमें कुछ विश्वासों को अनुभव पर आधारित माना जाता है ।