मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर से हर्ष चौहान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बूथ कैप्चरिंग आज का ही विचार नहीं है यह कई वर्षों से चुनाव में होते आया है ।पहले दबंगों द्वारा बूथ कैप्चरिंग करवाई जाती थी। इसका परिणाम यह रहता था कि उम्मीदवार चाहे योग्य हो या अयोग्य लेकिन केवल अयोग्य लोग ही चुन कर संसद में जुड़ते थे। पहले दबंगई द्वारा होता था बूथ कैप्चरिंग ,आज ईवीएम द्वारा होता है। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में ई . वी . एम . पर सुनवाई के दौरान , मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अभी - अभी एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को पकड़ा गया है । जिन नकली मतदाताओं को नकली के रूप में हटा दिया गया है। जो आने वाली मतदाता सूचि में नहीं दिखेंगे