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बैतूल

मुलताई: बेल मेटल क्राफ्ट में इन दिनों तीन दिवसीय क्राफ्ट डेमोंसट्रेशन कम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन दृष्टिकोण आर्ट एंड क्राफ्ट प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम वसंत इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल मुलताई के तत्वावधान में किया जा रहा है। क्राफ्ट विलेज तिगरिया,बैतूल से आए 20 मेटल क्राफ्ट के हस्तशिल्पयों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। वह अपनी कला का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। इस कार्यक्रम को स्कूल के बच्चों द्वारा काफी सराहा जा रहा है एवं वे इस कला की बारीकियों को सीख भी रहे हैं। भोपाल से आए विषय विशेषज्ञों द्वारा भी स्कूल के बच्चों के साथ बातचीत की जा रही है। दृष्टिकोण के डायरेक्टर देवेंद्र सिंह ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन लोगों में कला के प्रति रुझान पैदा करना है। इस तरह की प्रमोशनल एक्टिविटीज से लोगों में जागरूकता पैदा होती है। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में स्लाइड शो प्रेजेंटेशंस एवं कल्चरल एक्टिविटीज का भी आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में अतिथि के रूप में स्कूल संचालक श्रीमति मधु पांसे,श्री दिलीप डांगे,सचिव श्री प्रदीप डांगे,प्राचार्य श्रीमती नीतू शर्मा एवं समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

बैतूल 22 नवम्बर, 2023  स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 29 फरवरी 2024 तक सांस (एसएएएनएस) सोशल अवेयरनेस एण्ड एक्शन टू न्यूट्रलाइज्ड न्यूमोनिया सक्सेसफुली) अभियान का आयोजन किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रविकांत उइके ने बताया कि अभियान के अंतर्गत निमोनिया के प्रारंभिक लक्षणों की समय पर पहचान कर प्रारंभिक उपचार, उचित स्वास्थ्य संस्था में रैफर तथा निमोनिया के संबंध में जन जागरूकता के माध्यम से बाल मृत्यु दर में कमी लाई जाएगी।   उन्होंने बताया 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का सबसे अधिक कारण निमोनिया संक्रमण है। निमोनिया के प्रकरण मुख्यत: सर्दी एवं वर्षा ऋतु, अधिक प्रदूषण, धुंआ, स्लम एरिया वाले क्षेत्रों में सबसे अधिक होने की संभावना होती है। जिन बच्चों का पूर्ण टीकाकरण नहीं हुआ है या जो बच्चे कुपोषित हैं उन्हें निमोनिया होने की संभावना रहती है। इन बच्चों को शीघ्र स्तनपान उपलब्धता, पूरक आहार, विटामिन ए की खुराक, साफ-सफाई, साबुन एवं पानी से हाथ धोना, घरेलू वायु प्रदूषण को कम करने संबंधी उपाय अपनाकर एवं इस संबंध में जनसमुदाय को जागरूक कर निमोनिया को कम किया जा सकता है।      सांस अभियान संबंधित समस्त गतिविधियां सम्पादित करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मैदानी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है। सांस अभियान का उद्देश्य समुदाय में निमोनिया की रोकथाम, बचाव एवं उपचार, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में समुदाय एवं संस्था स्तर पर संभावित निमोनिया के प्रकरणों की सही समय पर पहचान, उपचार एवं आवश्यकता पडऩे पर उचित संस्था में रैफरल, गंभीर निमोनिया प्रकरणों के उपचार हेतु स्वास्थ्य संस्थाओं को सुदृढ़ करना एवं समुदाय में निमोनिया के प्रति कुरीतियों एवं अंधविश्वास में कमी लाना, सामाजिक जागरूकता तथा व्यवहार परिवर्तन के संबंध में जानकारी दी जाएगी। 

       ‘‘स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा’’ थीम पर       स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2023 के मध्य पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रविकांत उइके ने बताया कि पखवाड़े के अंतर्गत जिले के चिन्हित विकासखंडों में पुरूष नसबंदी सेवा प्रदायगी दिवसों का आयोजन भी किया जाएगा।       उन्होंने बताया कि पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में मोबेलाईजेशन या सामाजिक जागरूकता की गतिविधियां चलाई जाएगी। इनमें 21 से 27 नवम्बर के अंतर्गत लक्ष्य दम्पत्तियों से भेंट कर उन्हें पुरूष नसबंदी कराने हेतु प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा द्वितीय चरण के अंतर्गत सेवा प्रदायगी गतिविधियां 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2023 के अंतर्गत जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पुरूष नसबंदी शिविर आयोजित किए जायेंगे।      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मोबेलाईजेशन एवं सामाजिक जागरूकता हेतु मैदानी स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पुरूष नसबंदी हेतु इच्छुक दम्पत्तियों को चिन्हित किया जाएगा। क्योंकि पुरूष नसबंदी में पत्नि का विश्वास व प्रोत्साहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना पति का नसबंदी के लिए सहमत होना। पुरूष नसबंदी के प्रति समाज की धारणा में बदलाव लाने हेतु आवश्यक प्रयास किये जायें। पुरूष नसबंदी के लाभ के संबंध में समझाईश दी जाएगी, ताकि स्वेच्छा पूर्वक पुरूष नसबंदी अपनाने हेतु हितग्राही आगे आए। परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधनों की जानकारी प्रदाय करेगें। जिससे अधिक से अधिक पुरूषों की सहभागिता बढ़ाई जा सकेगी।     डॉ. उइके ने बताया कि पुरूष नसबंदी एक बहुत ही विश्वसनीय, आसान, स्थायी एक छोटा सा ऑपरेशन है, जिसमें अस्पताल में रूकने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें दोनों ओर की शुक्रवाहिनी नली को काटकर दोनों सिरों को बांध दिया जाता है, नसबंदी बिना चीरा, बिना टाके के 10 से 20 मिनिट में पूरी की जाती है। --------------

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