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पलासी प्रखंड क्षेत्र के धर्मगंज पंचायत के आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 189 में सेविका व सहायिका बिन ड्रेस पढ़ाती है बच्चों को। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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फारबिसगंज बीडीओ संजय कुमार ने गुरुवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान बीडीओ ने दवा के भंडारण, स्टॉक पंजी, ग्रामीण क्षेत्रों स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों की जानकारी प्राप्त की। बीडीओ ने पीएसची परिसर की समुचित साफ-सफाई नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कर्मियों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा। इस मौके पर बीडीओ ने कहा की निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य पीएससी का रख रखाव,दवा का भंडारण आदि पर था।क्योकि शहर के बीचो बीच स्थित इस पीएससी में बड़ी संख्या में एएनएम,आशा व जीएनएम कार्यकर्ताओं की आवाजाही रहती है। उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है। यहीं से ग्रामीण क्षेत्रों स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों को दवा मुहैया कराई जाती है। इस पर विशेष ध्यान दिया गया है।उन्होंने सिमराहा उप स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण करने की बात कही। इस मौके पर बीडीओ संजय कुमार के अलावे प्रखंड सांख्यकी पदाधिकारी सह रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु अमरनाथ गुप्ता,बीएचएम सैयदुजम्मा बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

भारत सरकार के पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र की 49 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी गयी। फारबिसगंज रेलवे स्टेशन परिसर स्थित ललित नारायण मिश्र स्मारक स्थल पर मौलाना मुश्ताक अहमद मेमोरियल सोसायटी के तत्वावधान में समारोह आयोजित कर मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने पूर्व रेल मंत्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने स्व. मिश्र के जीवनी पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि देश के रेल मंत्री के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले स्व ललित नारायण मिश्र के खींचे गए विकास की बड़ी लकीर से कोई बड़ी लकीर नहीं खींची जा सकी। कहा कि रेलवे के विकास में उनका अमूल्य योगदान है। कोसी- मिथिलांचल में रेल की सुविधा स्व. ललित बाबू की ही देन है। आम लोगों के बीच उनकी पहचान एक सरल और सुलभ राजनेता के रूप में थी।वक्ताओं ने कहा कि पूर्व रेल मंत्री जिस भी विभाग में मंत्री रहे वहां विकास का काम हुआ। उनका सबसे ज्यादा योगदान रेलवे के विकास में है। वही आफताब आलम एवं समाजसेवी वाहिद अंसारी ने कहा कि दुर्भाग्य है की उनकी मृत्यु के 48 वर्ष बीत गए लेकिन आज तक उनकी प्रतिमा रेलवे परिसर में स्थापित नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा की तीन जनवरी 1975 के उस मनहूस दिन पूरा देश हिल गया था, जब कोसी पुत्र तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की मौत हुई थी। एक दिन पहले बिहार के समस्तीपुर स्टेशन पर उन्हें बम मारकर बुरी तरह घायल कर दिया गया था। घटना के अगले दिन दानापुर रेलवे स्टेशन पर उनकी मौत हो गई थी। जहां दानापुर रेलवे स्टेशन पर उनकी मौत हो गई थी।जहां दानापुर से उनके घर वीरपुर के बलुआ ले जाने के क्रम में ललित बाबू के शव को फारबिसगंज रेलवे स्टेशन परिसर में रखा गया था। उसी समय प्रतिमा स्थापित मांग जारी है लेकिन किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। मौके पर स्टेशन अधीक्षक मनोज झा,मुख्य पार्षद वीणा देवी, उप मुख्य पार्षद नूतन भारती,पार्षद बुलबुल यादव,पार्षद इरशाद सिद्दीकी,वाहिद अंसारी, सुनील मिश्रा,मोहम्मद इलियास,सुनील यादव, रमेश सिंह, गुड्डू अंसारी, सत्यनारायण पासवान, अशोक धानुका, रामकुमार भगत, आमिर नदीम,कुद्दुस अंसारी,आरपीएफ के ललित ठाकुर आदि मौजूद थे।

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