नमस्कार साथियों ,मोबाइल वाणी लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उनके लिए है जो एमएसएस मध्यम स्टाफिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से जुड़कर टेली कॉलर एग्जीक्यूटिव के पद पर काम करना चाहते है।नौकरी करने का कार्यस्थल वाराणसी ,उत्तरप्रदेश होगा। न्यूनतम12 वीं पास अनुभवी व्यक्ति इस पद के लिए आवेदन कर सकते है।आवेदनकर्ता को हिंदी और इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना चाहिए इतना ही नहीं आवेदनकर्ता का चयन साक्षात्कार के आधार पर होगा। चयनित व्यक्तियों को प्रतिमाह 10,086 से 15,105 रूपए वेतन दिया जाएगा। साथ ही हेल्थ इन्शुरन्स ,लाइफ इन्शुरन्स और प्रोविडेंट फण्ड की भी अतिरिक्त सुविधा दी जाएगी। इच्छुक व्यक्ति कंपनी के इस नंबर पर संपर्क कर इस पद से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। कंपनी का नंबर है : 9079060722 . तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

हिटलर जो सोच और करना चाह रहा था उसे तानाशाही कहते हैं, यह सोच किसी भी व्यक्ति में तब आती है जब उसके अनुयाई मानने वाले लोग आंख मूंदकर उसके सही और गलत हर फैसले को मानने लगते हैं। ऐसा करने के लिए आवश्यक होता है कि अनुयाइयों को इसकी आदत लगा दी जाए, जैसा कि इन दिनों भारत में हो रहा है।

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले, मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू ,पछेती फूलगोभी की खेती की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले, मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

सुनते है बच्चों के लिए बना ये प्यारा सा गाना, जिसमें बात हो रही है सेहतमंद खाने और साबुन से हाथ धोने की। ये गाना आपके बच्चों को कैसा लगा? आप अपने बच्चों को किस तरह का पौष्टिक खाना देते है? क्या आप उन्हें खाने से पहले साबुन से हाथ धोने के लिए कहते है? हमें बताएं फोन में नंबर 3 दबाकर।

साथियों मोबाइल वाणी लेकर आ रहा है, घुमक्कड़ी का नया कार्यक्रम चलो चलें। जिसमें आप सुनेगें आपके शहर गांव कस्बों की एक नए रोचक अंदाज में घुमक्कड़ी।