दोस्तों 5 सितंबर भारतीय कैलेंडर में एक स्मारक दिवस है, जो एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है । इस दिन शिक्षकों द्वारा की गई उन सभी अथक सेवाओं को याद किया जाता है जो युवा भावी पीढ़ियों के दिमाग को आकार देती हैं। तो आइये साथियों आज के दिन हम और आप सभी मिलकर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए कोटि कोटि धन्यवाद कहें। और साथ ही समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.
44 वे मंडलीय बेसिक खेलकूद प्रतियोगिता के द्वितीय दिवस पर आयोजित एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मंडलीय, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक षष्ठ मंडल लखनऊ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। बैठक में शिक्षकों, अभिभावकों और स्वयं सेवी संस्था के पदाधिकारियों ने विभिन्न शैक्षिक मुद्दों पर चर्चा की व बेहतर उपस्थिति , निपुण लक्ष्य प्राप्त करने वाले और खेलों में प्रतिभाग करने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। बैठक में उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए स्वयं सेवी संस्था के सरबजीत सिंह ने अभिभावकों का आवाहन किया कि ,सभी लोग अपने बच्चों को प्रति दिन विधालय अवश्य भेजें ,जिससे बच्चों की शिक्षा बेहतर होगी और आप के बच्चे पढ़ लिख कर काबिल बनेंगे इससे आप का और आपके गांव का नाम रोशन होगा।
इलाही बक्स इंटर कॉलेज में स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के संजय वर्मा पीएमडब्ल्यू व आशुतोष जोशी ने उपस्थित शिक्षकों और छात्र छात्राओं को कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुष्ठ रोगियों से कोई भी भेदभाव न करें कुष्ठ रोग एक ठीक होने वाली बीमारी है। इस मौके पर कॉलेज के प्रधानाचार्य अरविंद कुमार ,भगत सिंह , दुर्गेश, प्रतिभा यादव ,कामना बाजपेई ने भी कुष्ठ रोग के लक्षणों से अवगत कराया व कुष्ठ रोगियों से सामान्य व्यवहार करने की अपील की। डॉक्टर बालकृष्ण ने बच्चों को स्वास्थ्य व स्वच्छता के बारे में जागरूक किया। कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त कराने की जिला अधिकारी की शपथ सभी बच्चों को दिलवाई गई।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कमलेश वर्मा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि हरगांव ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भूरि भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आशीष कश्यप क्षेत्रीय मंत्री अवध क्षेत्र भाजपा, अमित भार्गव सदस्य जिला पंचायत सीतापुर, डा एहतशाम शानू थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम सागर राजवंशी स्कूल संस्थापक ने की उन्होंने इस मौके पर विद्यालय की प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?
सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।
हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।