इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत लहरपुर खैराबाद मार्ग से परसेंडी जीतामऊ जाने वाले लगभग 8 किलोमीटर लंबे का मार्ग का निर्माण एफडीआर टेक्नोलॉजी के द्वारा कराया जा रहा है, परंतु विभागीय उदासीनता के चलते 2 वर्षों से अधिक समय से बन रहा मार्ग अभी भी अधूरा पड़ा है, इस पर डाली गई सीमेंट की परत और सड़क पर डाले गए पत्थर उखड़ जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?
सिधौली/सीतापुर। नगर पंचायत ने बुधवार को कूड़ा बेचकर करीब 50 हजार रुपये कमा लिए। बहादुरपुर मोहल्ले में नगर पंचायत के एमआरएफ सेंटर पर कूड़े की बिक्री की गई। मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी केंद्र (एमआरएफ) पर गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग कर बेचा गया। इस दौरान करीब 5,858 किलो प्लास्टिक, गत्ता व बोतलें बिकीं। वेस्ट मटेरियल से नगर पंचायत की आर्थिक आय में वृद्धि का यह अनूठा प्रयोग किया गया। अधिशासी अधिकारी रेणुका यादव ने बताया कि इससे नगर पंचायत को 50 हजार रुपये आय प्राप्त हुई है। आगे भी यह क्रम चलता रहेगा। यह रकम नगर क्षेत्र में होने वाले विकास कार्याें पर खर्च की जाएगी। नगर पंचायत अध्यक्ष गंगाराम राजपूत ने हरी झंडी दिखाकर कूड़ा ले जा रहे वाहनों को रवाना किया।
सीतापुर। गांवों में घरों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में चयनित किए गए स्थलों पर 525 कूड़ा निस्तारण केंद्र (आरआर सेंटर) का निर्माण कराया जाएगा। 370 ग्राम पंचायतों में निर्माण पूरा हो गया है। जिले की 895 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस योजना के तहत चयनित किया गया है। इन्हें लकालक करने की कार्य योजना शासन ने स्वीकृत करते हुए आबादी के आधार पर धनराशि भी स्वीकृत की है। इससे सभी कार्य इसी वित्तीय साल में कराए जा सकें। चयनित गांवों में कई कार्य कराए जाने हैं। प्राथमिकता आरआर सेंटर की है, जिससे एकत्रित कूड़े का निस्तारण किया जा सके। इसके लिए स्थल चयन किया जा रहा है, ताकि वहां आरआर सेंटर का निर्माण तय समय में कराया जा सके। ठोस, द्रव्य एवं अपशिष्ट प्रबंधन योजना के जिला प्रबंधक अखिलेश गौतम ने बताया कि अब तक 370 आरआर सेंटर बन गए हैं। अब 525 ग्राम पंचायतों में आरआर सेंटर का निर्माण होना है
कमलापुर (सीतापुर)। पतारा कलां से कमलापुर को जाने वाली सड़क चौड़ी की जाएगी। जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। लाेक निर्माण विभाग यह काम कराएगा। यह सड़क कुशमौरा, नवागांव, बम्हेरा, चितरेहटा, जयरामपुर संग अन्य गांवों से गुजरेगी। ग्राम पंचायत नवागांव की प्रधान जनक कुमारी सिंह ने उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से इस सड़क को चौड़ा कराने का अनुुरोध किया था। प्रधान ने बताया कि इस मार्ग का चौड़ीकरण कराने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर को भी पत्र लिखा था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला सेवा प्रमुख सत्य प्रकाश ने बताया कि इस मार्ग की लंबाई करीब 22 किलोमीटर है। यह रास्ता कई ग्राम पंचायतों को जोड़ते हुए कमलापुर हाईवे पर आकर मिलता है। दूसरी तरफ इसी मार्ग पर जयरामपुर से सरायन नदी का पुल पार करने पर सिधौली-नैमिष धाम संपर्क मार्ग को जोड़ता है। यह मार्ग नवागांव से मछरेहटा को जाने वाले मार्ग को भी जोड़ता है।
उत्तर प्रदेश राज्य के सीता पुर से राजेश कुमार बतातें हैं कि उनके क्षेत्र में जगह जगह सड़क खोद देने से ग्रामीणों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
सीतापुर। सीएचसी नैमिषारण्य की क्षमता 50 से बढ़ाकर 100 बेड की जाएगी। इससे मरीजों को यहां पर भर्ती करके बेहतर तरीके से इलाज दिया जाएगा। सीएचसी के विस्तार की मंजूरी मिल गई है। सीएचसी मिश्रिख के अधीन पहले पीएचसी नैमिषारण्य थी। लेकिन नैमिषारण्य में रोजाना देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए इसे सीएचसी का दर्जा दे दिया गया था। यहां पर 50 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। अब इसकी क्षमता में वृद्धि होगी। 100 बेड का अस्पताल होगा। साथ ही जांच की सुविधाओं में इजाफा होगा। एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य सुविधाएं होंगी। इससे मरीजों को इलाज कराने में काफी सुविधा रहेगी। नैमिषारण्य से मिश्रिख सीएचसी की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। अगर मरीजों को यहां पर भर्ती होने में समस्या आती है तो उन्हें मिश्रिख भेज दिया जाता है। अगर इसकी क्षमता वृद्धि हो जाएगी तो मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होगी। इससे मरीजों की भागदौड़ बच जाएगी।