सीतापुर शहर कोतवाली पुलिस ने ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए एक युवक के चार लाख 44 हजार रुपये दो दिन में ही वापस करवा दिये। पुलिस ने एक बैंक खाते को फ्रीज करते हुए पीड़ित की धनराशि उसके खाते में वापस कराई। रामकोट के सहसापुर गांव निवासी देवेंद्र कुमार मौर्य ने बताया कि 31 अक्तूबर को उसके पास एक फोन आया। ठग ने ट्रेडिंग कंपनी का एजेंट बताते हुए पैसा निवेश किए जाने की बात कही। ठग ने सारी जानकारी देते हुए पीड़ित को झांसे में ले लिया। पहले देवेंद्र ने 16 हजार 500 रुपये कंपनी के खाते में भेज दिए। ठग ने धीरे-धीरे लॉट (ट्रेडिंग का एक शब्द) खरीदने की बात कहकर रुपये ले लिए। फिर घाटा होने की बात कहकर डराते हुए और रुपये देने की बात कही। इस तरह से उसने चार लाख 44 हजार 500 रुपये ठग लिए।
सीतापुर लोकसभा चुनाव से पहले शहर को नए कैंची पुल की सौगात मिल जाएगी। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने शनिवार को पुल निर्माण का निरीक्षण करते हुए इसके निर्देश दिए। मंत्री ने 20 जनवरी तक पुल का निर्माण पूरा करने के निर्देश राज्य सेतु निगम के अफसरों को दिए हैं। वहीं, लापरवाह इंजीनियरों के पेंच कसते हुए उन्हें फटकार भी लगाई। बता दें कि कैंची पुल का निर्माण अप्रैल में शुरू किया गया था। सरायन नदी पर 16 करोड़ 42 लाख 51 हजार रुपये की लागत से बनाए जा रहे कैंची पुल की लंबाई 90.23 मीटर है। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने शनिवार को पुल निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए गुणवत्ता का खास ख्याल रखे जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि पुलों को बनाते समय या उपयोग के दौरान यदि कोई कमी आती है, या गुणवत्ता खराब मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय है।
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लहरपुर नगर के छावनी पुलिया स्थित बेग हॉस्पिटल में शुक्रवार को एक बच्चे की मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। इस खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। शनिवार को डिप्टी सीएमओ ने जांच कर अस्पताल को बंद करने के आदेश दे दिए। वहीं, बच्चे की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है। बेग हॉस्पिटल में शुक्रवार को हरगांव के प्यारापुर कोरैया गांव निवासी अमर सिंह के पुत्र अक्षत (7) की मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि मृतक बच्चे को अस्पताल संचालक वेंटिलेटर पर रखकर वसूली करते रहे। सूचना पर स्थानीय पुलिस और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक ने जांच की।
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सीतापुर जिले में चल रही गन्ना मिलों का पेराई सत्र शुरू हो गया है। गन्ना किसान मेहनत से उगाए गन्ने को मिल तक पहुंचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। इस दौरान इन गन्ना किसानों को ठगने के लिए एजेंट भी सक्रिय हो गए हैं। ऐलिया ब्लॉक के टिकरा बाजार, इमलिया सुल्तानपुर, फरर्कपुर, चांदूपुर व अन्य जगहों पर खुलेआम अवैध गन्ना मंडियां चल रही हैं। सरकार द्वारा निर्धारित गन्ना मूल्य से करीब सौ रुपये सस्ता गन्ना बेचना किसानों की मजबूरी है। पेड़ी की फसल की पर्ची गन्ना मिलों द्वारा समय से उपलब्ध नहीं कराई जाती है, जिससे किसानों के आगे खेत को मजबूरी में खाली करने के लिए गांव-गांव घूमने वाले इन एजेंट का सहारा लेना पड़ता है। दूसरी ओर जिन लोगों के खेत में गन्ना बोआ नहीं गया है, उनका नाम सर्वे में शामिल कर उन्हें समय से पर्चियां दे दी जाती हैं। इन्हीं पर्चियों के आधार पर ये एजेंट गन्ना किसानों को ठग लेते हैं। गन्ना एजेंट ही गन्ने का मूल्य न्यूनतम करीब 200 रुपये निर्धारित कर देते हैं। बाद में सरकारी रेट पर इसे मिल में सप्लाई कर हजारों रुपये कमाते हैं। इस खेल में गन्ना पर्यवेक्षक से लेकर मिल के अधिकारी तक शामिल रहते हैं।
गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज, सिधौली में छात्रवृत्ति योजना में हुए घोटाले में गबन की 22 लाख रुपये की धनराशि आरोपी लिपिक ने जमा करवा दी है। यह धनराशि विद्यालय कोष में जमा की गई है। शैक्षिक सत्र 2013-14 में छात्रवृति धनराशि में 19 लाख 10 हजार के गबन का मामला सामने आया था। इस पर प्रबंधक डॉ. कमल कुमार जैन ने तत्कालीन प्रधानाचार्य आरपी वर्मा, लिपिक अवलोकितेश्वर अवस्थी व अन्य कर्मचारियों सहित 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा गबन मामले की जांच के लिए पीसी कनोडिया, प्रकाश नारायण रस्तोगी व एक शिक्षक की टीम बनाई गई थी। इस जांच में लिपिक अवलोकितेश्वर अवस्थी दोषी मिले। लिपिक ने गबन की धनराशि ब्याज सहित 22 लाख 20 हजार 543 रुपये विद्यालय के कोष में जमा करवा दिए हैं।
महमूदाबाद ...22 अप्रैल 2022 का दिन सीएचसी महमूदाबाद के लिए खास था। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक यहां मरीज बनकर पहुंचे थे। उन्हें एक्स-रे मशीन खराब मिली थी। उन्होंने सीएमओ व अधीक्षक को फटकार भी लगाई थी। तत्काल नई एक्स-रे मशीन लगवाने की बात कही थी। लेकिन डिप्टी सीएम का यह आदेश महज जुमला बनकर रह गया। डिप्टी सीएम के निरीक्षण किए हुए करीब डेढ़ साल बीत चुके हैं। उनके आदेश के बाद भी सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ रहे हैं लेकिन एक्स-रे मशीन नहीं लग सकी है। रोजाना करीब 35 मरीज बिना जांच कराए ही लौट जाते हैं। उन्हें करीब 65 किलोमीटर दूर चलकर जिला अस्पताल आना पड़ता है। लंबा सफर व इलाज में देरी मरीजों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए इस बार 38 विद्यालयों को केंद्र की सूची से बाहर कर दिया गया है। पिछले साल इन स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं हुईं थीं। इनकी जगह पर नए विद्यालयों को मौका दिया गया है। इन स्कूलों को परीक्षा केंद्र की सूची से हटाने का कारण जिम्मेदार अफसर भी नहीं बता पा रहे हैं। विद्यालय प्रबंधक इसका कारण जानने के लिए शुक्रवार को दिनभर प्रयास करते रहे। यूपी बोर्ड परीक्षा-2024 के लिए 158 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। पिछले साल की अपेक्षा अबकी छह केंद्र बढ़े हैं। इन केंद्रों में 33 राजकीय इंटर कॉलेज, 43 अशासकीय सहायता प्राप्त व 82 वित्तविहीन कॉलेज शामिल हैं। पिछले साल बोर्ड की परीक्षा कराने वाले 38 विद्यालयों को इस बार बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इनकी जगह पर वित्तविहीन व राजकीय इंटर कॉलेज को मौका दिया गया है।