सीतापुर। सिटी उपकेंद्र से जुड़े मोहल्लों में बुधवार को पांच घंटे बिजली गुल रही। इसके चलते कारखानों में कामकाज ठप रहा। घरों में रखे इन्वर्टर भी डिस्चार्ज हो गए। आटा चक्की न चलने से भी परेशानी बढ़ गई। सिटी उपकेंद्र में बुधवार को मरम्मत का काम प्रस्तावित था। इसके चलते सुबह 10 से शाम पांच बजे तक शटडाउन लिया गया था। इस कारण आलमनगर, गदियाना, पुराना सीतापुर सहित 25 मोहल्लों में बिजली गुल रही। आटा चक्की चलाने वाले महेश ने बताया कि पांच घंटे की कटौती के कारण तमाम लोगों को समय से उनका गेहूं पीसकर नहीं दे सका। अब रात में काम करना पड़ेगा। इसी तरह अन्य कुटीर उद्योग-धंधे भी प्रभावित हुए। एसडीओ रवि गौतम ने बताया कि दोपहर तीन बजे के बाद बिजली आपूर्ति सुचारु हो गई।
उरदौली महोली कोतवाली क्षेत्र में बुधवार को दो दुकानों में आग लग गई। इसमें करीब आठ लाख का सामान जलकर राख हो गया। पीड़ितों ने पुलिस को तहरीर दी है। उरदौली कस्बे में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे टिन से बनी दुकान में कस्बा निवासी विपिन देवल की कपड़े व जूते-चप्पल की दुकान है। पास में ही अनुज देवल की अनुज कॉस्मेटिक सेंटर के नाम से दुकान है। विपिन इन दिनों अपनी पत्नी का दिल्ली में इलाज करा रहा है। करीब एक सप्ताह से उसकी दुकान बंद थी। वहीं अनुज मंगलवार को अपनी दुकान बंद कर घर चला गया था। बुधवार सुबह पड़ोसी दुकानदारों ने अनुज को आग लगने की सूचना दी। दुकान पहुंच अनुज ने पड़ोसियों की मदद से किसी तरह आग पर काबू पाय लेकिन तब तक दुकान में रखा सामान जलकर राख हो चुका था।
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सीतापुर जिला अस्पताल के नए भवन की जमीन पर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में मुहर लगा दी। इसके बाद मंगलवार को सदर एसडीएम ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने नजूल की 13 बीघा 14 बिस्वा जमीन स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दी। उन्होंंने मेबेल जोंस जूनियर हाईस्कूल के पास सीएमओ को बुलाकर कागजी कार्यवाही पूरी की। इससे अब जल्द शासन की टीम आकर मौका मुआयना करेगी। इसके बाद अस्पताल बनने की कवायद शुरू हो जाएगी। एसडीएम सदर ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह कार्यवाही नजूल की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के लिए एक नजीर है। गौरतलब है कि जिला अस्पताल का भवन जर्जर हो चुका है। यह अंग्रेजों के जमाने का बना है। 133 साल पुरानी बिल्डिंग में चल रहा है। एक तो जगह की कमी और पुराना भवन होने के चलते मरीजों को इलाज के दौरान काफी दिक्कतें आती है।
सीतापुर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी लगाने के मामले में भले ही सीतापुर लखनऊ मंडल में प्रथम हो। लेकिन जिले के हालात ठीक नहीं हैं। पायलेट प्रोजेक्ट शुरू होने के 15 दिन बीत जाने के बाद महज 319 शिक्षक ही टैबलेट का उपयोग कर रहे हैं। समीक्षा में प्रगति कम मिलने पर शासन ने बीएसए को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों की टैबलेट के जरिए ऑनलाइन हाजिरी लगेगी। स्कूल के 12 रजिस्टर ऑनलाइन किए जाएंगे। लखनऊ मंडल में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना 20 नवंबर से जिले में शुरू हुई थी। शासन स्तर से लगातार मॉनीटरिंग हो रही है। अगर चार दिसंबर की बात की जाए तो जिले में केवल 282 शिक्षकों ने ही टैबलेट के जरिए स्कूल खुलने व बंद होने तक की हाजिरी अपलोड की। इसी तरह एमडीएम में 263 शिक्षकों ने बच्चों की खाना खिलाने की ऑनलाइन जानकारी अपलोड की।
सीतापुर साहब.. तीन महीने बीत गये हैं। मीटर रीडर नहीं आया। रीडिंग केवल 150 हुई। लेकिन बिल पर चढकऱ 300 यूनिट आ गया है। कुछ इस तरह की शिकायतें मंगलवार को मुख्य अभियंता के सामने आईं। उन्होंने अधिशाषी अभियंता को तत्काल बिल में सुधार करने की निर्देश दिए। मुख्य अभियंता विवेक अस्थाना मंगलवार को बिसवां विद्युत वितरण मंडल के नंदईपुरवा में लगे शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उनको उपभोक्ताओं ने शिकायत की, कि मीटर रीडर बहुत मनमानी करते हैं। वह वास्तविक रीडिंग लेने नहीं आते है। इसके चलते बिल जमा करने में दिक्कत आती है। ऐसी कई शिकायतें उपभोक्ताओं ने की। उन्होंने अधिशाषी अभियंता को प्रत्येक घर की हर माह वास्तविक रीडिंग लेने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्य अभियंता ने विद्युत वितरण मंडल द्वितीय में अफसरों के साथ बैठक की।