सीतापुर। जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तीन स्थाई शरणालय बनेंगे। बाढ़ के समय इनमें प्रभावितों को शरण मिल सकेगी। इसके लिए सर्वे कर जमीन का चिन्हाकंन कर लिया गया है। शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। बिसवां तहसील क्षेत्र के डलिया गांव में बाढ़ पीड़ितों के लिए स्थाई शरणालय बनाया जाएगा। यहां 0.048 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। महमूदाबाद तहसील क्षेत्र के शुकुलपुरवा में पौन बीघा जमीन चिन्हित की गई है। महमूदाबाद के तहसीलदार सूरज प्रताप यादव ने बताया कि रिपोर्ट जिले पर भेज दी गई है। लहरपुर के नायब तहसीलदार दिलीप कुमार ने बताया कि भदफर में जमीन के चिन्हांकन को लेकर सर्वे कराया गया है।

सीतापुर। जनपदवासियों को जल्द ई पब्लिक सर्विस की सुविधा मिलने जा रही है। इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय और रिलायंस फाउंडेशन ने सीतापुर का चयन किया है। जिले में दोनों संस्थान संयुक्त रूप से यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे। सोमवार को डिलीवरिंग नेक्स्ट जनरेशन ई-पब्लिक सर्विस वाया मोबाइल टेक्नोलॉजी इन उत्तर प्रदेश, ई-एजुकेशन, ई-हेल्थ एंड ई-एग्रीकल्चर परियोजना पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञ यहां पहुंचे। उन्होंने जिला प्रशासन के साथ इसकी संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान परियोजना सहायक निरुपम वाजपेयी ने जिले के स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि संग अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों संग विकास भवन सभागार में बैठक की। उन्होंने कहा कि जिले में मातृ, शिशु और नवजात के मृत्य दर का डॉटा सतत रूप से अपडेट किया जाए।

सीतापुर। जिले में इस वर्ष 71 लाख 93 हजार 580 पौधे लगाए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी 27 विभागों को दी गई है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेताया कि लक्ष्य हर हाल में प्राप्त करना है। इसमें लापरवाही नहीं चलेगी। वर्ष 2024-25 के पौधारोपण की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। डीएम अनुज सिंह ने विभागवार लक्ष्य तय कर दिया है। सर्वाधिक 31 लाख 52 हजार पौधे ग्राम्य विकास विभाग को लगाना है। दूसरे नंबर पर वन विभाग है। उसे 19 लाख 39 हजार पौधे लगाए जाने हैं। छह लाख 31 हजार कृषि और तीन लाख 90 हजार पौधे उद्यान विभाग लगाएगा। स्थल चयन कर खोदे जाएंगे गड्ढेलक्ष्य के अनुसार विभागों की ओर से पौधे लगाने के लिए स्थल चयन किया जाएगा। वहां गड्ढे खोदे जाएंगे। पौधे लगाकर सुरक्षित रखने के लिए ट्री गार्ड लगाया जाएगा। जिले की 1588 ग्राम पंचायतों में 31 लाख 52 हजार पौधे लगाए जाएंगे।

सीतापुर। 88 हजार ऋषि मुनियों की पावन तपोभूमि नैमिष में भी भगवान राम की अयोध्या है। इसे छोटी अयोध्या अथवा अयोध्या हार के नाम से जाना जाता है। प्रभु श्रीराम जब अयोध्यावासियों के साथ नैमिष आए थे, तब इसी स्थान पर विश्राम किया था। यहां राम दरबार के अलावा हनुमान जी का मंदिर है। रामलला का नैमिषारण्य से गहरा नाता है। यहां की पावन धरा भगवान राम के आगमन का आध्यात्मिक इतिहास भी संजोए है। प्रभु श्रीराम के चरण रज से नैमिष का कण-कण सुशोभित है। कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री बताते हैं, कि भगवान राम अयोध्यावासियों के साथ नैमिषारण्य आए थे। गोमती के तट पर जिस स्थान पर प्रभु श्रीराम ने विश्राम किया, वह अयोध्या के नाम से विख्यात है। प्राचीन काल में इसे अयोध्या हार भी कहते थे।

मास्टरबाग। बिसवां ब्लॉक की कमुवा ग्राम पंचायत निवासी अशोक गुप्ता बीते सात वर्षाें से गो आधारित प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। सात वर्षाें से वह प्राकृतिक खेती के माध्यम से औषधीय पौधे उगा रहे हैं। इनकी खेती की लोकप्रियता विदेशों तक फैल चुकी है। बीते वर्ष अर्जेंटीना से कृषि विशेषज्ञ इनकी खेती का अध्ययन करने के लिए आये थे। वहीं, कृषि विभाग के अधिकारी भी इनके माध्यम से अन्य किसानाें को प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक कर रहे हैं। उनकी इस मुहिम से अब तक साढ़े चार सौ किसान जुड़ चुके हैं। प्रगतिशील किसान अशोक गुप्ता ने बताया कि सात साल पहले उन्होंने रेडियो पर प्राकृतिक खेती का नाम सुना था। इसके बाद लखनऊ स्थित डॉ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पद्मश्री डॉ सुभाष पालेकर का कार्यक्रम देखा। उनसे प्रेरणा लेकर सात साल पूर्व पांच बीघा फसल से गो आधारित कृषि की शुरुआत की थी।

तहसील सदर क्षेत्र के ग्राम दहेलिया की रहने वाली पिंकी ने तीन साल पूर्व परिवारिक लाभ योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था। एसडीएम ने इसकी जांच कराकर पात्र पाए जाने पर धनराशि देने की स्वीकृति ऑनलाइन की थी। साथ ही मूल आवेदन पर भी पात्रता अंकित करते हुए समाज कल्याण दफ्तर भेजा था। इसके बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इससे वह जिम्मेदारों के चक्कर लगाने को मजबूर है। इसी तरह वेलगवां गांव की सुनीता भी योजना की धनराशि न मिलने से परेशान हैं। इनकी ओर से भी तीन साल पहले आवेदन किया गया था। पात्रता के बाद भी लाभ नहीं मिल सका है।

सीतापुर। 12,460 शिक्षक भर्ती के तहत काउंसिलिंग में आवेदन करने वाले करीब 400 शिक्षकों के अभिलेखों में गड़बड़ी मिली है। नियुक्ति पत्र वितरण के समय हुई जांच में मामला पकड़ा गया। बीएसए ने इनके नियुक्ति पत्र रोक दिए हैं। शासन स्तर से निर्देश मिलने पर ही इन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। भर्ती के तहत जिले में 845 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जानी है। इसके लिए सोमवार देर शाम नियुक्ति पत्र बांटे गए। इस दौरान बीएसए दफ्तर में अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच की गई। जांच में उनके अभिलेखों में कुछ गड़बड़ी मिली। इस पर करीब 400 शिक्षकों के नियुक्ति पत्र रोक दिए गए हैं। इससे यह अभ्यर्थी बिना नियुक्ति पत्र लिए वापस घर लौट गए। अब इन शिक्षकों की सूचना शासन को भेज दी गई है। शासन के अगले निर्देश पर ही इनको नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।

सीतापुर। लोक भारती संस्था की ओर से 84 कोसी परिक्रमा के हर कोस पर हरिशंकरी लगाए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले चरण में स्थल चयन की कार्रवाई की गई है। दूसरे चरण में कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे हरिशंकरी माला अभियान नाम दिया गया है। क्षेत्र के प्रमुख लोगों और संत महात्माओं से विचार विमर्श कर कार्य योजना बनाई गई है। जिससे परिक्रमा मार्ग को सुंदर बनाया जा सके। साथ ही विलुप्त हो रहे तीर्थों के उत्थान के लिए भी प्रक्रिया चल रही है। लोक भारती ने नैमिषारण्य के साथ ही प्रदेश के तीर्थ परिक्रमा पथों पर प्रत्येक कोस पर हरिशंकरी (पीपल, बरगद और पकरिया का पौधा) लगाने का संकल्प लिया है। इस याोजना को हरिशंकरी माला अभियान का नाम दिया गया है। बीते दिनों नैमिषारण्य परिक्रमा पथ का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इसके तहत 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के हर कोस पर हरिशंकरी लगाने के स्थल चयन के साथ ही उसका नक्शा बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश राज्य के सीता पुर से राजेश कुमार बतातें हैं कि उनके क्षेत्र में जगह जगह सड़क खोद देने से ग्रामीणों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

सीतापुर। घने कोहरे व गलन के कारण माध्यमिक विद्यालयों के समय में बदलाव कर दिया गया है। कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल अब सुबह 10 बजे से खुलेंगे। सर्दी के तेवर बृहस्पतिवार को और तल्ख हो गए। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा के चलते गलन का प्रकोप जारी है। धूप नहीं खिलने व शीतलहर के चलते दिन भर लोगों की कंपकंपी छूटती रही। दिन का न्यूनतम पारा 9 डिग्री दर्ज किया गया। पिछले दिनों की तरह सुबह भी कोहरे में लिपटी रही। सुबह के समय दृश्यता 500 मीटर से भी कम रही। हाईवे पर हेडलाइट जलाने के बाद भी वाहन रेंगते नजर आए। ठिठुरन से लोग परेशान रहे। राहत पाने के लिए लोग अलाव के पास सिमटे नजर आए। बुधवार के मुकाबले बृहस्पतिवार को सर्द हवा की गति दो किमी. प्रति घंटा ज्यादा रही। आठ किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चली बर्फीली हवा ने ठिठुरन बढ़ा दी।