मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से दो महीने पहले टमाटर के भाव मंडी में सातवें आसमान पे थे, तो अब प्याज सिर्फ काटने से ही आंसू नहीं निकाल रहा बल्कि उसके भाव सुन कर भी मध्यम वर्ग के लोगों की आंखों से आंसू बह रहे हैं। इतना ही नहीं आज जब मैं मंडी जाने को हुई तो पहले ही मंडी में बिकने वाली हर सब्जी के भाव पहले ही देख लिए थे। जब मंडी पहुंची तो मंडी में टमाटर और प्याज दोनों को वहां का विक्रेता एक ही भाव में दे रहा था। मैंने जब इस बात को लेकर विराेध किया तो वह बोला लेना है लीजिए बहन जी वरना आगे बढ़िए। मैंने उसे धमकी दी कि ज्यादा भाव पे समान बेचोगे तो तुम्हारी कंप्लेन मैं आगे करूंगी। वह डर गया और उसने टमाटर के सही भाव लगाकर मेरे को समान दिया। दोस्तो ताजुब तो इस बात का हुआ कि जिस भाव पर किसान सामान बेचता है उससे दोगुना ज्यादा भाव में ये लाेग बेच रहे हैं। मैं आप लोगों को अगले भाग में बताऊंगी कि किसान और मंडी में सब्जी के भाव का अंतर।