किसान आंदोलन के समर्थन में जिला कांग्रेस कमेटी पन्ना के तत्वाधान में जिला अध्यक्ष शिवजीत सिंह भैया राजा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन करते हुए रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन को संयुक्त कलेक्टर के द्वारा प्राप्त किया गया। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को गेहूं का 2700 रुपए प्रति क्विंटल और धान का 3100 रुपए समर्थन मूल्य दिया जाएगा। लेकिन सरकार बनने के बाद इसे भुला दिया गया है। डीजल, खाद, बीज एवं दवाइयां के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई से किसान एवं आम जनता त्रस्त है। मसूर, सरसों एवं चना की फसल अतिवृष्टि ओलावृष्टि और पाला से नष्ट हो चुकी है। जिसका सर्वे करवा कर मुआवजा दिया जाए एवं किसानों की फसलों पर एमएसपी की गारंटी दी जाए। ज्ञापन के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवजीत सिंह भैयाराजा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पन्ना अक्षय तिवारी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अजयगढ़ दादूराम मिश्रा सहित काफी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल रहे।
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साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग की गई है। इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है। किसान तो अन्नदाता है, और उनके साथ इस प्रकार की बर्बरता उचित नहीं है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह किसानों के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित करे। उनकी जायज मांगों को समझे और उन्हें पूरा करे। किसानों की मुख्य मांग में एमएसपी की गारंटी शामिल है। एमएसपी वह निश्चित मूल्य है जिस पर केंद्र और राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियां किसानों से खाद्यान्न खरीदती हैं। सरकार को किसानों कि इन जायज मांगो को पूरा करना ही चाहिए। क्यों की जब सरकार पूंजी पतियो के अरबो रुपए माफ कर सकती है, तो ऐसे में इन अन्न दाताओ की इन छोटी छोटी मांगो को पूरा करना , मेरे नजरिए से कोई बड़ा काम नहीं है, बेकार में ही मुद्दे को उलझाने की कोशिश की जा रही है। और इसीलिए पंजाब के हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य के किसान संगठनों ने दिल्ली चलो का आव्हान किया है। यह विरोध न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर है। किसान एमएसपी के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने जैसी कई अन्य मांगों पर भी अड़े हैं। इससे पहले सोमवार देर रात केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान संगठनों के बीच एक बैठक हुई जिसमें एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बात हुई। हालांकि, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर बात अटक गई।
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नमस्कार दोस्तों मैं पन्ना मोबाइल वाणी से हिम्मत खान दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के विषय पर हम बात कर रहे हैं किसानों से लिए जानते हैं क्या है उनकी राय विपन कुमार दोस्तों आज किसानों द्वारा
हिट एंड रन संबंधी नए कानून के विरोध में देश भर में वाहन चालक धरना प्रदर्शन एवं हड़ताल कर रहे हैं पन्ना जिले में भी वाहनों के चालकों के द्वारा हड़ताल चल रही थी इसी क्रम में प्राइवेट मोटर कर्मचारी संगठन और प्राइवेट बस यूनियन चालक परिचालक के द्वारा भी हड़ताल की जा रही थी और नेशनल हाईवे में चक्का जाम किया गया था। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
हिट एंड रन मामले में कानून के नए प्रावधानों के विरोध में तमाम राज्यों में ट्रक ड्राइवर ने वाहन चलाने से इनकार कर दिया है नतीजा जगह-जगह भारी वाहन सड़कों पर खड़े हो गए हैं इसके चलते पेट्रोल डीजल जैसी आती आवश्यक वस्तुओं का भी परिवहन प्रभावित हो रहा है कई राज्यों में पेट्रोल डीजल पंप ट्राई होने की खबर है तो वही किसान भी अपने फसलों को बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं इतने प्रभाव के बावजूद भी इस कानून का निरंतर विरोध जारी है। आज हमारे साथ लखनऊ हाईकोर्ट परामर्श केन्द्र के माध्यथ एवं उत्तरप्रदेश कांग्रेस पार्टी के विधिविभाग के कोर कमेटी सदस्य एडॅ. इद्रप्रताप सिंह सर के साथ मोबाइलवाणी पर विशेष बातचीत कर जानकारी साझा की।
मध्यप्रदेश राज्य के पन्ना जिले के पवई में बस स्टैंड से यात्री बसें रवाना नही हो पाई। यात्री बस स्टैंड आने के बाद परेशान होकर अपने घर वापस जाने के लिए विवश हो रहे हैं। वाहन चालक संघ के सदस्यों ने सुबह बस स्टैंड पर एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की और तहसील तिराहा पर धरना प्रदर्शन कर सरकार से काला कानून वापस लेने की मांग की है। *मांग पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल वाहन चालकों ने बताया कि हमारी मांग जब तक पूरी नही की जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन के तहत सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले चालक को 10 साल की सजा और 8 लाख रुपये के जुर्माने का प्रविधान किया जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार इस काले कानून को वापस ले। एक्सीडेंट की घटना ड्रायवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन चालक के विरूद्ध एक्सीडेन्ट करने पर कानून मे किये जा रहे संशोधन को निरस्त किया जाए। दुर्घटना के बाद चालक मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ मारपीट करने के साथ कई बार जान तक ले लेती है। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्राविधान किया है उसमे गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। ड्राइवर यूनियन ने सामूहिक रूप से नए कानून में संशोधन करने की मांग की है।
मध्यप्रदेश राज्य के पन्ना जिले केएक श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की भारत सरकार द्वारा पारित किए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट एवं कानून के विरोध में पन्ना में प्राइवेट मोटर कर्मचारी संगठन के द्वारा सांकेतिक चक्का जाम और धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है और वाहन चालकों के विरुद्ध बनाए गए कानून को काला कानून बताते हुए शीघ्र वापस लेने की मांग उठाई है। कानून वापस नहीं लेने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर नेशनल हाईवे 39 बायपास तिराहा में चक्का जाम किया गया और बस स्टैंड में समस्त यात्री बसों के चालक परिचालक और सहायकों ने एकत्र होकर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर अयूब खान