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समग्र पोर्टल में नागरिकों के समग्र आईडी का आधार से ई-केवायसी शत-प्रतिशत कराये जाने का लक्ष्य है। इस उद्देश्य से एक से 15 मार्च 2024 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही इस दौरान भू-स्वामी द्वारा आधार सत्यापित समग्र को राजस्व भू-अभिलेख (खसरे) से लिंकिंग का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाना है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।