किसान आंदोलन के समर्थन में जिला कांग्रेस कमेटी पन्ना के तत्वाधान में जिला अध्यक्ष शिवजीत सिंह भैया राजा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन करते हुए रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन को संयुक्त कलेक्टर के द्वारा प्राप्त किया गया। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को गेहूं का 2700 रुपए प्रति क्विंटल और धान का 3100 रुपए समर्थन मूल्य दिया जाएगा। लेकिन सरकार बनने के बाद इसे भुला दिया गया है। डीजल, खाद, बीज एवं दवाइयां के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई से किसान एवं आम जनता त्रस्त है। मसूर, सरसों एवं चना की फसल अतिवृष्टि ओलावृष्टि और पाला से नष्ट हो चुकी है। जिसका सर्वे करवा कर मुआवजा दिया जाए एवं किसानों की फसलों पर एमएसपी की गारंटी दी जाए। ज्ञापन के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवजीत सिंह भैयाराजा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पन्ना अक्षय तिवारी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अजयगढ़ दादूराम मिश्रा सहित काफी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल रहे।
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किसानों की मुख्य मांग में एम . एस . पी . की गारंटी शामिल है , एम . एस . पी . वह निश्चित मूल्य है जिस पर केंद्र और राज्य सरकार अपनी एजेंसियां हैं । सरकार को किसानों की इन जायज मांगों को पूरा करना चाहिए क्योंकि जब सरकार पूंजीपतियों के अरबों रुपये माफ कर सकती है , तो उसे इन अन्नदाताओं की इन छोटी - छोटी मांगों को भी पूरा करना चाहिए । मेरे दृष्टिकोण से , कोई बड़ा काम नहीं है । रकबे में ही इस मुद्दे को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है , इसलिए पंजाब के हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं । विरोध प्रदर्शन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एस . एम . बी . एफ . पर किसान एम . एस . पी . के साथ लखीमपुर खीरी की घटना पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का आह्वान किया है । एम . एस . पी . सहित कई मुद्दों पर सोमवार देर रात केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान संगठनों के बीच बैठक होने से पहले से प्रजाक सख्त कार्रवाई जैसी अन्य मांगों पर भी अड़े हुए हैं ।
साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग की गई है। इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है। किसान तो अन्नदाता है, और उनके साथ इस प्रकार की बर्बरता उचित नहीं है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह किसानों के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित करे। उनकी जायज मांगों को समझे और उन्हें पूरा करे। किसानों की मुख्य मांग में एमएसपी की गारंटी शामिल है। एमएसपी वह निश्चित मूल्य है जिस पर केंद्र और राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियां किसानों से खाद्यान्न खरीदती हैं। सरकार को किसानों कि इन जायज मांगो को पूरा करना ही चाहिए। क्यों की जब सरकार पूंजी पतियो के अरबो रुपए माफ कर सकती है, तो ऐसे में इन अन्न दाताओ की इन छोटी छोटी मांगो को पूरा करना , मेरे नजरिए से कोई बड़ा काम नहीं है, बेकार में ही मुद्दे को उलझाने की कोशिश की जा रही है। और इसीलिए पंजाब के हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य के किसान संगठनों ने दिल्ली चलो का आव्हान किया है। यह विरोध न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर है। किसान एमएसपी के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने जैसी कई अन्य मांगों पर भी अड़े हैं। इससे पहले सोमवार देर रात केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान संगठनों के बीच एक बैठक हुई जिसमें एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बात हुई। हालांकि, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर बात अटक गई।
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नमस्कार दोस्तों मैं पन्ना मोबाइल वाणी से हिम्मत खान दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के विषय पर हम बात कर रहे हैं किसानों से लिए जानते हैं क्या है उनकी राय विपन कुमार दोस्तों आज किसानों द्वारा