स्ट्रीट लाइटें खराब होने से नगर के अधिकांश मुख्य मार्गों व गलियों में अंधेरा कायम पवित्र नगरी के अंधेरे नगरी जैसे हालात हीरों वीरों झीलों मंदिरों और बाघों के लिए विश्व विख्यात पवित्र नगरी पन्ना को लगभग डेढ़ दशक पूर्व प्रदेश के मुखिया के द्वारा पवित्र नगरी घोषित किया गया था। लेकिन अब यह पवित्र नगरी अंधेर नगरी की राह पर चल पड़ी है। नगर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब होकर बंद हो चुकी हैं, और कुछ लपलपा रही हैं। गिनी चुनी लाइटें ही सलामत हैं। नगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों, विद्यालयों, बैंकों, हॉस्पिटल, बस स्टैंड, पार्क सहित अधिकांश मुख्य मार्गों एवं चौराहों के भी यही हाल हैं। घरेलू एलईडी वल्व में भी कम से कम एक वर्ष की गारंटी मिलती है। फिर सरकारी पैसों से खरीदी जाने वाली महंगी स्ट्रीट लाइटें महीने भर में क्यों खराब हो जाती हैं। अगर खराब हो भी जाती हैं तो समय पर सुधारी या बदली क्यों नहीं जाती। विद्युत व्यवस्था के लिए लगे नगर पालिका के कर्मचारी और वाहन किस उपयोग में लिए जा रहा हैं। सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले नगर के आराध्य भगवान श्री जुगल किशोर मंदिर प्रांगण, बस स्टैंड और अस्पताल प्रांगण की लाइटें भी खराब हैं। सिविल लाइन क्षेत्र जहां जज, मजिस्ट्रेट, जिला पंचायत सीईओ सहित कई प्रमुख अधिकारियों के आवास, सांसद सुविधा केंद्र और विधायक कार्यालय है। यहां भी यही हाल देखे जा रहे हैं। शाम होते ही नगर के मुख्य मार्ग चौराहे और गालियां अंधेरे में डूब जाती हैं। ऐसे में पैदल राहगीरों का रास्ते में चलना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस अव्यवस्था एवं लापरवाही को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस प्रकार पवित्र नगरी अब अंधेर नगरी की राह पर चल पड़ी है।