अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले पर बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने उठाए सवाल अल्प प्रवास पर पन्ना पहुंचे बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील क्षेत्र में केन नदी के घाटों, खेतों और शासकीय भूमि में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सर्किट हाउस पन्ना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अब तक वह पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी में चल रहे अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के बारे में सुना करते थे लेकिन अब उन्होंने इसे अपनी आंखों से देख लिया है। श्री मुंजारे ने बताया कि जब वह रात में छतरपुर जिले के चंदला से होते हुए अजयगढ़ से पन्ना की ओर आने के लिए छतरपुर और पन्ना जिले की सीमा के बीच केन नदी के वीरा पुल से गुजरे तो पुल के दोनों तरफ दर्जनों की संख्या में दैत्याकर प्रतिबंधित एलएनटी पोकलेन मशीनों से अस्थाई पुल बनाकर नदी की धारा को रोक कर रेत का उत्खनन किया जा रहा था। पुल में और पुल के आसपास भारी संख्या में रेत से लोड डंफर और ट्रक खड़े हुए थे जिनसे गिरता हुआ पानी भी बता रहा था कि यह रेत सीधे नदी की धारा से निकाली गई है। उन्होंने बताया कि पन्ना जिले की रेत का कोई ठेका नहीं है छतरपुर के ठेके पर पन्ना और छतरपुर दोनों जगह पर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। कलेक्टर खनिज विभाग सहित पूरा प्रशासन और नेता रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को अनदेखा कर रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां के नेता और अधिकारी रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में संलिप्त हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार रेत की चोरी कर एक ओर जहां नदी को तबाह किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व को प्रतिदिन कम से कम 20 से 25 लख रुपए की क्षति पहुंचाई जा रही है। बताया कि वह शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर केन नदी में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग करेंगे। कार्यवाही नहीं हुई तो पन्ना जिले में विशाल आंदोलन करेंगे।