पन्ना। जिले के उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र विश्रामगंज के जंगल और पहाड़ वन कर्मियों की सांठगांठ से हीरा माफियाओं के द्वारा दिन-रात खोखले किये जा रहे हैं। मीडिया टीम ने जंगलों में पहुंचकर देखा तो हैरान रह गए। चारों ओर गहरी खदानें नजर आ रही थी। पहले 18 फरवरी को विश्रामगंज रेंज के टगरा बीट अंतर्गत भियारानी के जंगल में पहुंचकर जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो खींचकर अधिकारियों को भेजने पर कार्रवाई का आस्वाशन दिया गया। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।मीडिया टीम 21 फरवरी को विश्रामगंज रेंज के मांझा बीट-बी में पहुंची तो नजारा भियारानी के जंगल से ज्यादा गंभीर था। यहां चारों ओर जंगलों को खोखला किया जा रहा था। ताजी चाल धोकर बिनाई चल रही थी और कुछ भीगी चाल धोने की तैयारी चल रही थी। डीएफओ गर्वित गंगवार को कई बार फोन करने पर उनके बड़ी मुश्किल से फोन उठाया गया। और कार्यवाई करवाने की बात कही गई। छतरपुर सीएफ संजीव झा ने भी कई बार फोन करने के बाद फोन उठाकर फोटो मंगवाई और कार्रवाई की बात कही। रेंजर नितिन राजोरिया के द्वारा तत्काल मौके पर डिप्टी रेंजर सीताराम साहू को भेजा गया। जिनके द्वारा मौके पर पहुंचकर बीट गार्ड राकेश बागरी को कई बार फोन किया गया लेकिन वह आने को तैयार नहीं हुए। जबकि चंद कदमों की दूरी पर वह प्लांटेशन का काम करवा रहे थे। डिप्टी रेंजर सीताराम साहू को मौके पर दर्जन भर से अधिक नई खदानें दिखाई गई जिनके द्वारा बीट गार्ड को निर्देश देकर कार्रवाई का आस्वाशन दिया गया लेकिन शाम तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीट गार्ड द्वारा मीडिया कर्मियों के फोन नहीं उठाए गए। बाद में पिछली डेट पर एक पीओआर काटने की जानकारी प्राप्त हुई है लेकिन मौके पर दर्जन भर से अधिक और आसपास सैकड़ा भर से अधिक अवैध हीरा खदानें संचालित होना पाया गया है। इसके साथ ही आसपास सागौन के पेड़ों की कटाई भी कही हुई है। इसके अलावा सरकोहा रानीपुर सर्किल अंतर्गत चौरई की भठिया में भारी अवैध हीरा उत्खनन देखा जा रहा है। पहाड़ी के नीचे सागौन की कटाई और पहाड़ी के ऊपर हीरे की खुदाई अंधाधुंध तरीके से चल रही हैं।