भूमि नामांतरण संबंधी मामले में निर्धारित समयसीमा में कार्यवाही के बजाय प्रकरण निरस्त करने पर हाईकोर्ट ने पन्ना तहसीलदार अखिलेश प्रजापति के विरुद्ध आपराधिक अवमानना का प्रकरण दर्ज किया है। हाईकोर्ट ने तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जानकारी के अनुसार पन्ना के पन्ना के एडवोकेट काजी सलाउद्दीन ने अपनी भूमि का नामांतरण कराने नियमानुसार तहसील कार्यालय पन्ना में आवेदन प्रस्तुत किया था। तहसीलदार के द्वारा आवेदन खारिज किए जाने पर मामले की अपील एसडीएम कोर्ट पन्ना में की गई। एसडीएम ने तहसीलदार के आदेश को यथावत रखते हुए अपील निरस्त कर दी थी। परेशान होकर आवेदक ने उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका प्रस्तुत की थी। उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई 2023 को रिट याचिका का निराकरण कर तहसीलदार पन्ना को एक माह के अंदर नामांतरण करने का आदेश पारित किया। कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद तहसीलदार ने निर्धारित समयावधि में भूमि का नामांतरण करने के बजाय आवेदन को पुनः निरस्त कर दिया। तहसीलदार अखिलेश प्रजापति की हठधर्मिता से परेशान आवेदक ने पुनः उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका प्रस्तुत की। जस्टिस संजय द्विवेदी ने प्रकरण को संज्ञान लेकर तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायालय के आदेश के उल्लंघन पर तहसीलदार पन्ना अखिलेश प्रजापति के विरूद्ध आपराधिक अवमानना का प्रकरण पंजीबद्ध किया है। हाईकोर्ट में आवेदक की ओर से सीनियर अधिवक्ता मनोज शर्मा के द्वारा पैरवी की गई। हाईकोर्ट की कार्रवाई पन्ना जिले के राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया है।