साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग की गई है। इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है। किसान तो अन्नदाता है, और उनके साथ इस प्रकार की बर्बरता उचित नहीं है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह किसानों के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित करे। उनकी जायज मांगों को समझे और उन्हें पूरा करे। किसानों की मुख्य मांग में एमएसपी की गारंटी शामिल है। एमएसपी वह निश्चित मूल्य है जिस पर केंद्र और राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियां किसानों से खाद्यान्न खरीदती हैं। सरकार को किसानों कि इन जायज मांगो को पूरा करना ही चाहिए। क्यों की जब सरकार पूंजी पतियो के अरबो रुपए माफ कर सकती है, तो ऐसे में इन अन्न दाताओ की इन छोटी छोटी मांगो को पूरा करना , मेरे नजरिए से कोई बड़ा काम नहीं है, बेकार में ही मुद्दे को उलझाने की कोशिश की जा रही है। और इसीलिए पंजाब के हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य के किसान संगठनों ने दिल्ली चलो का आव्हान किया है। यह विरोध न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर है। किसान एमएसपी के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने जैसी कई अन्य मांगों पर भी अड़े हैं। इससे पहले सोमवार देर रात केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान संगठनों के बीच एक बैठक हुई जिसमें एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बात हुई। हालांकि, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर बात अटक गई।