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दोस्तों, लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता के 16 दिन पूरे होने हो हैं... लेकिन हमारा अभियान बदलाव का आगाज जारी है... इस कार्य क्रम में हमने बीते कुछ दिनों में बहुत सी कहानियां सुनी...इन सभी ने हमें प्रेरित भी किया और सोचने पर मजबूर भी...! सोचना ये है कि आखिर कैसे लिंग और पहचान, ऊँच और नीच, अमीर और गरीब, रंग और भेद के नाम पर हिंसा के इस क्रम को रोका जा सकता है..? अगर आपके पास जवाब है तो जरुर रिकॉर्ड करें. साथ ही अपने आसपास से ऐसी और भी कहानियां लेकर हमारे पास आएं... अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

पिछले कुछ सालों से देश में एक नया शिगूफा छिड़ा हुआ है, एक देश एक चुनाव का, गाहे-बगाहे इसको लेकर चर्चा उठती रहती है। बीते महीने संसद के विशेष सत्र में भी इसको लेकर चर्चा उठी थी। एक देश एक चुनाव के कराने के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे देश के संसाधनों की बचत होगी।

अनाज मंडी भाव जानने के लिए बने रहें महोबा मोबाइल वाणी से

फल मंडी भाव जानने के लिए बने रहें महोबा मोबाइल वाणी से

सब्ज़ी मंडी भाव जानने के लिए बने रहें महोबा मोबाइल वाणी से

जेंडर हिंसा के खिलाफ 16 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए लोक लाज के बंधन में बंधी यह महिला जो दहेज के लोभियों के हाथों घरेलू हिंसा की सज़ा झेल रही थी, और आखिर में इसके खिलाफ उठाया उन्होंने एक कदम।

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