"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू आलू की खेती के बारे में जानकारी दे रहे है । आलू की खेती कब और कैसे करे सहित अन्य जानकारियों के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...
"दीपावली है रौशनी का त्योहार , संग लाता है सुख और समृद्धि अपार , झूम रहा खुशियों से घर-संसार समेट लो अपनों का साथ और प्यार" दोस्तों, दीपावली को रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। आज ही के दिन श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा कर के कार्तिक मास की अमावस्या को अपने घर अयोध्या लौटे थे। लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत कुछ यूँ किया....कि पुरे शहर को मिट्टी के दीयों से जगमग कर डाला।अमवस्या की काली रात रौशनी में डूब गई। तब से ये सिलसिला चलता आ रहा है और लोग इस परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी निभाते चले आ रहे हैं । दीपावली की तैयारी घर की साफ-सफाई के साथ कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। फिर दीपावली के दिन मिट्टी के दीयों के साथ लोग बिजली की रंग बिरंगी बत्तियों ,आम पत्तों,फूलों की मालाओं,रंगोली ,इत्यादि से अपने घर- आंगन को सजाते हैं। तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं,मिठाइयां खाई जाती है,खूबसूरत कपड़े पहने जाते हैं और उपहार के साथ दोस्तों रिश्तेदारों से मिलकर खुशियां मनाई जाती है।ये पर्व है दोस्तों के साथ खुशियां बाँटने का और अपनों से मेल मिलाप कर के यादें बटोरने का। साथियों ,आइए आज दीपावली के दिन हम एक दीपक जलाएं विश्व में प्रेम,शांति,सद्भावना और भाईचारा के नाम। आप सब को ग्राम वाणी परिवार के तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
सुनिए एक प्यारी सी कहानी। ये कहानी आपके लिए लेकर आएं है प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, जिसे सुना रहे है नन्हें-मुन्ने युग शाह। ये कहानी बच्चों को भी सुनाएं और देखिए कि उनकी कौनसी भावनाएं नज़र आती है। फ़ोन में नंबर 3 दबाकर अपने नन्हे-मुन्नों से जुड़ी कहानियां ज़रूर रिकॉर्ड करें, और मनाते रहें बचपन का ये त्यौहार...
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...
चलिए सुनते हैं बड़ों के गुस्से का बच्चों पर असर। क्या आप जानते है कि गुस्से से नहीं बल्कि शांत रहकर ही हम बच्चे का व्यवहार सही रख सकते है। धैर्य से काम लेंगे तो हमारे साथ बच्चों का रिश्ता मीठा होता चला जाएगा। कार्यक्रम सुनिए और अपने नन्हे-मुन्नों के अनुभवों को रिकॉर्ड कीजिये, फ़ोन में नंबर 3 दबाकर।
दोस्तों, धनतेरस की बहुत बहुत शुभकामनाएं.. जाहिर है कि आज के लिए शॉपिंग की लिस्ट तैयार हो गई होगी... धनतेरस का मौका है ही ऐसा... खासकर की हमारी लेडीज के लिए... क्यों सही कहा ना..? तो चलिए फिर जरा हमें भी बताइए कि इस बार आप धनतेरस पर क्या कुछ खास खरीददारी कर रही हैं...? साथ ही अगर आप जानती हैं कि धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तो उसकी कहानी या फिर आपके क्षेत्र में प्रचलित कोई किस्सा या रस्म हो तो उसे भी हमारे श्रोताओं तक पहुंचाएं... फोन में नम्बर 3 दबाकर.
दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।
कभी त्योहारों का मतलब ही थी खुशियां, जो अब कहीं खो सी गई हैं। खोये हुए इन खुशियों में, हम सब के पास ऐसी यादें हैं, जो किसी खास मौके से जुड़ी होंगी और उसके याद आने पर हम मुस्करा देते हैं। तो आइये चौड़ी करते हैं अपनी मुस्कराहट को अपने किस्सों में किसी और को शामिल करके. बांटिए अपनी उस मीठी सी प्यारी सी याद को मोबाइल वाणी के दोस्तों के साथ और दीजिये मौका किसी और को मुस्कराने का सिर्फ अपने फोन पे तीन नंबर का बटन दबाकर। तो देर किस बात की दोस्तों !! आप भी सुनाइए अपना किस्सा आप के अपने कार्यक्रम "त्योहार जो याद रह गए " में !