जेंडर हिंसा के खिलाफ चल रहे हमारे इस कार्यक्रम बदलाव का आगाज़ में आज सुनिए यशस्विनी जी को, जो जेंडर आधारित हिंसा पर कानूनी मामलों की जानकार हैं। यशस्विनी जी का कहना है कि अगर हिंसा है तो उसे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा प्रावधान भी है. बस जरूरत है तो... कदम बढ़ाने की!
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“यह देश संविधान से चलता है’, यह एक लाइन जो हम हर दूसरे दिन किसी न किसी के मुंह से सुनते ही रहते हैं। सविंधान पर इतनी आस्था के बाद भी देश में संविधानिक मूल्यों की भावनाओं का अभाव है। संविधान के प्रति पैदा हुए इस "अभाव" के भाव के लिए वही लोग जिम्मेदार हैं, जो हर एक बात पर कहते हैं कि यह देश संविधान से चलता है।
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ अशोक झा ऑर्गनिक खेती में केचुवा खाद बनाने की विधि की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...
लड़कियों और महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा रोकने के लिए शुरू हुए इस प्रोग्राम में आपका स्वागत है। किसी भी तरह की हिंसा रोकने के लिए समाज में रहने वालों के सोच-विचार बदलना बहुत ज़रूरी है।आज इस बारे में हम बात करेंगे पुरुषों के योगदान को लेकर और जानेंगे कि पुरुष किस तरह महिला कल्याण और सशक्तिकरण को बढ़ावा दे सकते है।पुरुषों की भागीदारी से जेंडर के नाम पर होने वाली हिंसा को कैसे ख़त्म किया जा सकता है। अपने विचार ज़रूर रिकॉर्ड करें, फोन में नंबर 3 दबाकर।
दोस्तों, अगर गौर किया जाए तो हमारे आसपास होने वाली छोटी—बड़ी लड़ाईयों, झगड़ों, बहस और नाखुशी के पीछे की वजह अधिकारों का हनन है। महिला है तो उससे आत्मनिर्भर बनने का अधिकार छीन लिया जाता है, बच्चा है तो पढने का, किसी से जाति के नाम पर तो किसी से गरीबी के नाम पर अधिकारों का हनन जारी है और यही है फसाद की वजह। आज जब हम 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मना रहे हैं तो फिर एक बार इस विषय पर बात करना जरूरी हो जाता है
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा पूसा डिकंपोजर क्या है और खेत में इसके क्या लाभ है इसके बारे में जानकारी दे रहे है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए प्रियंका जी को, जिनका कहना है कि जब तक एक ट्रांसजेंडर या कहें ख़ुद को महिला और पुरुष के दायरे में ना रखने वाले हर इंसान को इंसान नहीं समझा जाएगा, उनके ख़िलाफ़ समाज में फैली हिंसा और नफ़रत कम नहीं होगी
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...