जूनियर शिक्षक संघ ने बीएसए को ज्ञापन सौंपा।
दिल्ली और हरियाणा बॉर्डर पर लगे सभी बैरिकेडिंग को हटा दिया गया
लखीमपुर खीरी के गोला क्षेत्र में इराक की बीज भंडार पर नकली बीजखाद बेची जा रही
बजाज चीनी मिल में झूल से मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया तत्काल मुआवजा दिलाने की मांग करने लगे किसान नेताओं की मध्यस्थता के कारण मेरा अधिकारियों ने मौके पर आकर 10 लख रुपए का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया
मुआवजा मिलने के बाद ही किया अंतिम संस्कार
आंदोलन के मुद्दे पर किसान नेताओं के बीच मतभेद।
पालिकाध्यक्ष ने शुरू कराया, ईओ ने रुकवाया काम... लोगों ने काटा हंगामा
CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
तिरंगे में झंडा बांधकर भारत का अपमान
देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।