इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

अपने खेत की पट्टी को जलाये नहीं खाद के रूप मे स्तेमाल करें

ध्वनि प्रदूषण को काम करने के लिए मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को पूरे प्रदेश में नीचे उतरवाया गया

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बता दें कि गन्ना विभाग समेत कृषि और राजस्व विभाग मिलकर निगरानी कर रहे हैं। तीनों को संयुक्त जिम्मेदारी दी गई है कि सभी मिलकर क्षेत्र में किसानों को पराली जलाने से नुकसान के बारे में बताएं, क्योंकि प्रदेश और केंद्र की सरकारें पराली जलाए जाने को लेकर सख्त हैं। गन्ना विभाग ने जिले की सभी 14 समितियों पर पराली नष्ट कराने के लिए किराये पर मर्चर और ट्रैक्टर की व्यवस्था की है।

कूड़ा निस्तारण प्लांट तैयार, हैंडओवर नहीं ले रही पालिका

प्रदूषण बढ़ते ही दिल्ली के अस्पतालों में बढ़े मरीजदिल्ली में सर्दियों की दस्तक के साथ ही प्रूदषण का स्तर भी बढ़ रहा है। ऐसे में दिल्ली के लोगों में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ गई हैं। अस्पतालों में सांस की तकलीफ से जुड़े लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। एक्सपर्ट के अनुसार लोगों को ऐसे समय में खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. जहरीली हवा सेहत पर बुरा असर डाल रही है. इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पॉल्यूशन बेस्ड क्लीनिक शुरू किया गया है. यहां प्रदूषण से संबंधित बीमारियों का अलग से इलाज किया जाएगा