इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

आचार संहिता लागू होने से पहले बुजुर्गों को मिलेगी पेंशन।

वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

192 निराश्रित वृद्धि जनों को वृद्ध आश्रम पहुंचाया गया।

जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी द्वारा बुजुर्गों के खाते में तीसरी किस्त भेजने का दिया आदेश

लखीमपुर खीरी। शासन ने 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को गोल्डन कार्ड की सौगात तो दी है, लेकिन उसमें परिवार के सदस्यों का पेच फंस गया हैराशन कार्ड पर परिवार के साथ नाम होने की वजह से बुजुर्गों के गोल्डन कार्ड नहीं बन रहे हैं। शासन की ओर से जारी आयुष्मान एप पर ऑनलाइन आवेदन करने पर इन बुुजुर्गों को अपात्र बताया जा रहा है। इस उम्र में गोल्डन कार्ड की सौगात मिलने से बुजुर्गों में खुशी थी, लेकिन अलग राशन कार्ड होने की शर्त से अब मायूसी है। तमाम ऐसे बुजुर्ग हैं, जिनका राशन कार्ड पर नाम परिवार के साथ है मगर घरवाले बेहतर इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं। बुजुर्गों ने सरकार की इस मंशा को नाकाफी बताया

लगा है। बुधवार को अधिकतम तापमान 27 तो न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह और शाम ठंड पड़ने लगी है। इससे बुजुर्गों के घुटनों से लेकर युवाओं की मांसपेशियों में दर्द बढ़ गया है। ओपीडी में जोड़ों में दर्द से लेकर घुटनों में सूजन आदि की समस्या वाले मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी बढ़ गई है। उधर, बुजुर्ग भी पुरानी चोट एवं कमर व कंधों में दर्द होना बता रहे हैं।

लखीमपुर खीरी। शासन ने 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को गोल्डन कार्ड की सौगात तो दी है, लेकिन उसमें परिवार के सदस्यों का पेच फंस गया है। राशन कार्ड पर परिवार के साथ नाम होने की वजह से बुजुर्गों के गोल्डन कार्ड नहीं बन रहे हैं। शासन की ओर से जारी आयुष्मान एप पर ऑनलाइन आवेदन करने पर इन बुुजुर्गों को अपात्र बताया जा रहा है। इस उम्र में गोल्डन कार्ड की सौगात मिलने से बुजुर्गों में खुशी थी, लेकिन अलग राशन कार्ड होने की शर्त से अब मायूसी है।

गोल्डन कार्ड सिर्फ उन्हींं बुजुर्गों के बन रहे हैं, जो निराश्रित हैं और उनका राशन कार्ड अलग है, क्योंकि जो बुजुर्ग परिवार संग रह रहे हैं, उनके बेटे उनकी देखभाल कर रहे हैं। इसलिए अलग राशन कार्ड धारक निराश्रित बुजुर्ग ही योजना के तहत पात्र हैं।

स्टेशन पर यात्रियों के लिए और स्वचालित सीढ़ियां यानी एक्सीलेटर, प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया, पार्किंग, दिव्यांगजनों के लिए सुविधा, प्रकाश व्यवस्था, बैठने की व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, स्वच्छता व्यवस्था, संकेत एवं निर्देश बोर्ड, ट्रेन डिस्प्ले और उद्घोषणा प्रणाली समेत सुंदरीकरण आदि से संबंधित विकास कार्य होंगे।