सरकारों और महिला समूहों को धन एवं कार्यकारियों के साथ प्राथमिक विद्यालयों की ज़िम्मेदारी सौंपी जानी चाहिये।उन्हें किसी भी रिक्ति को युक्तिसंगत तरीके से भरने या शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सामुदायिक स्वयंसेवक को नियुक्त कर सकने के लिये अधिकृत किया जाना चाहिये।बुनियादी लर्निंग और समर्थन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये हस्तांतरित धन पर्याप्त होना चाहिये। स्कूल एक सरकारी संस्था होने के बजाय एक सामुदायिक संस्थान में परिणत हो, जो स्वैच्छिकता/दान को आकर्षित कर सकता है और स्वस्थ सीखने के प्रतिफलों (learning outcomes) को सुनिश्चित करने के लिये गैजेट्स की सहायता ले सकता है।