बता दें कि गन्ना विभाग समेत कृषि और राजस्व विभाग मिलकर निगरानी कर रहे हैं। तीनों को संयुक्त जिम्मेदारी दी गई है कि सभी मिलकर क्षेत्र में किसानों को पराली जलाने से नुकसान के बारे में बताएं, क्योंकि प्रदेश और केंद्र की सरकारें पराली जलाए जाने को लेकर सख्त हैं। गन्ना विभाग ने जिले की सभी 14 समितियों पर पराली नष्ट कराने के लिए किराये पर मर्चर और ट्रैक्टर की व्यवस्था की है।