जिले में एक अक्तूबर से धान खरीद होनी थी लेकिन शुरुआती दो दिन छुट्टी पड़ने के कारण तीन से खरीद शुरू हो पाई। अक्तूबर के पहले पखवाड़े में क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। महीने के अंतिम दिनों में क्रेंद्रों पर खरीद शुरू हुई। धान का स्टाक मंडी में ही लगाया गया। मंडी में धान की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे तो अधिकारी भी नींद से जागे। धान को राइस मिल तक ले जाने के लिए ठेकेदारों ने ट्रकों में जीपीएस लगाने का विरोध जताया था।