उत्तरप्रदेश राज्य के जिला कुशीनगर से निखिलेश प्रताप सिंह , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लैंगिक असमानता का न केवल देश में बल्कि दुनिया में भी बहुत प्रभाव पड़ता है। लेकिन जबकि विदेशों में बड़े पैमाने पर लैंगिक असमानता को बराबर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, भारत में छुआ -छूत ,उच्च और निम्न और पुरुष और महिला जैसे कई ऐसे प्रश्न हैं, जिनके कारण लोगों के बीच लैंगिक असमानता का विकार बना हुआ है। हमें मिलकर इस लैंगिक असमानता को समाप्त करने की आवश्यकता है, पुरुषों का उतना ही अधिकार है जितना महिलाओं का है । सरकार ने इस क्षेत्र में कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं, जैसे कि संसद में महिलाओं की भागीदारी। महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करना और सरकारी योजनाओं और बड़े पैमाने पर महिलाओं को इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस क्षेत्र में लैंगिक असमानता को समाप्त करें, साथ ही महिलाओं के लिए जो सभी सरकारी योजनाएं है ,या जो अपेक्षित है , जो मुख्यधारा से बहुत दूर हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता है और लैंगिक असमानता के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने की बहुत आवश्यकता है।