विशुनपुरा ब्लॉक क्षेत्र के नहरों में पानी नहीं आने से धान का बेहन डालने के लिए किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। किसान परेशान हैं कि यदि नहर में पानी नहीं आया तो समय पर गेंहू का बेहन नहीं डाल पाएंगे। कुछ किसान डीजल पंपसेट के सहारे खेतों की सिचाई कर बेहन डालने की तैयारी में जुट गए हैं। इससे उनपर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि डीजल भी काफी महंगा हो गया है। उसके सहारे खेती कर पाना संभव नहीं है। बारिश हो जाती तो खेतों में पानी भर आता और धान का बेहन डालने में मदद मिलती। किसान धर्मपुर गांव के शैलेश तिवारी ने कहा कि गेहू का बेहन डालने के लिए पंपिग सेट से खेत की सिचाई कर खर- पतवार नाशक दवा का छिड़काव किया गया है। खेत सूख जाने के बाद उसकी जुताई कर दोबारा पानी भर कर गेहू का बेहन डाला जायेगा। अबतक नहरों में पानी नहीं आने से खेतों की सिचाई के लिए अधिकतर किसान पंपिग सेट के सहारे हैं। इस कारण उन्हें खेती करने में आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।मिठहा माफी के किसान बड़े राय ने कहा कि जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण पंपसेट से पानी निकालना भी मुश्किल हो गया है।पंपिग सेट कम पानी दे रहे है।सरपतही बुजुर्ग गांव के किसान भभीखन कुशवाहा ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन नहरों में पानी उपलब्ध करा देता, तो किसानों को महंगे दामों पर खेत की सिचाई करने से राहत मिलती।विंदवलिया गांव निवासी किसान केशव शर्मा ने बताया की जून माह में गेहू का बेहन डालना बेहद मुफीद माना गया है। नहर विभाग की बेरुखी और इंतजाम नाकाफी होने से किसानों को निराश होना पड़ रहा है।