सर्व शिक्षा अभियान के तहत लाखों करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है लेकिन इसका सकारात्मक असर कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है जिन बच्चों को पढ़ने के समय स्कूल में होना चाहिए वह बच्चे सड़कों से जरूर का सामान बीनते हुए नजर आते हैं