प्रधानों ने स्वघोषित गोरक्षकों के खिलाफ ब्लॉक व कोतवाली में हुंकार भरी। आरोप लगाया कि छुट्टा गोवंश को संरक्षित करने के लिए गोशालाओं में पहुंचाने के समय कथित गोरक्षक वाहन चालक व गोवंश के साथ मौजूद लोगों की पिटाई कर रहे हैं इस पर आक्रोश जाहिर कर ज्ञापन दिया। कथित गोरक्षकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग की। ब्लॉक मुख्यालय पर एकत्रित ग्राम प्रधान, भाजपा कार्यकर्ताओं व किसानों ने कहा कि किसान परेशान हैं। सर्द रातों में फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। झुंड में खेतों में घुसकर छुट्टा गोवंश फसलों को नष्ट कर रहे हैं। खदेड़ने पर हमला कर देते हैं। ऐसे में किसानों के हाथों में मौजूद बल्लम आदि से यह गोवंश घायल भी हो रहे हैं। गोवंश के जरिये सड़कों पर हादसे हो रहे हैंं। सरकार का आदेश है कि गोवंश को गांवों से गोशालाओं में भिजवाया जाए। इन गोवंश को गोशालाओं में ले जाने के दौरान कथित गोरक्षक वाहनों को जबरन रोक लेते हैं। जब तक चालक अनुमति, टैग आदि सरकारी कागज के दिखाते हैं तब तक उनकी इतनी पिटाई कर देते हैं कि हालत खराब हो जाती है। एलान किया कि पुलिस-प्रशासन ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो प्रधान भी पुलिस-प्रशासन का किसी कार्य में सहयोग नहीं करेंगे। गांवों में गोवंश के हमले से किसान अथवा कोई गोवंश मारा जाता है, अथवा घायल होते हैं तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस दौरान प्रधान संगठन के अध्यक्ष गौरीशंकर राजपूत, भाजपा मंडल महामंत्री गेंदालाल वर्मा, राजवीर सिंह, जगवीर सिंह, प्रशांत मुद़्गल, रामभान सिंह, उदयपाल सिंह, सत्यप्रकाश, होमेंद्र राजपूत, राजबहादुर एडवोकेट प्रमुख रूप से मौजूद रहे। पिटाई करने के मामले में दी तहरीर गांव लोहगढ़ निवासी शीला जाटव ने कोतवाली में तहरीर दी है। उसमें कहा है कि तीन दिन पहले वह पशुपालन विभाग की अनुमति से गोवंश को लेकर गभाना जा रहे थे। कुछ लोगों ने अतरौली में ट्रकों को रुकवा लिया। नाम पूछने पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली-गलौज कर पिटाई की। सरकारी अनुमति पत्र दिखाने पर उसे फाड़कर फेंक दिया। तीन घंटे तक पुलिस व प्रशासन को परेशान किया गया इसके बाद गोवंश गोशाला भेजे गए। शीला जाटव ने ट्रकों को रोककर मारपीट करने वालों को चिन्हित कर अनुसूचित जाति अधिनियम व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की धाराओं रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है। - ग्राम प्रधानों के प्रतिनिधि मंडल ने एक ज्ञापन दिया है। यह मामला बेहद गंभीर है। इससे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए यदि कोई शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।