साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में, भूमि का अधिकार अक्सर पुरुषों तक ही सीमित है, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से निर्भर हो जाती हैं। यह स्थिति भूमि स्वामित्व के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ अन्याय और हिंसा को बढ़ावा देती है। महिलाएं कृषि उद्यमिता और अन्य आर्थिक गतिविधियों में सीधे भाग ले सकती हैं जो उनके परिवार की आय और जीवन स्तर में सुधार कर सकती हैं। सामाजिक दृष्टिकोण में भी बदलाव आता है, यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है और महिलाओं को समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान देता है, इसका बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि महिलाएं परिवार का कल्याण करती हैं। सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के भूमि अधिकार न केवल उनके आर्थिक अधिकार यह सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाओं को तोड़ने का एक साधन भी है। पारंपरिक समाजों में, भूमि ज्यादातर पुरुषों के स्वामित्व में होती है और महिलाओं को विरासत में मिलती है। या विवाह के बाद भूमि अधिग्रहण के सीमित अवसर, यह महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। सुधार किए गए हैं। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम दो हजार पाँच का संशोधन एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने बेटियों को अपने माता-पिता की संपत्ति में समान अधिकार दिए। इसके अलावा कई राज्य सरकारों ने महिला किसानों को भी अधिकार दिए। महिलाओं के भूमि अधिकारों का प्रभाव व्यापक है, भूमि आवंटन में महिलाओं की आय और धन पहली प्राथमिकता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि प्रशासनिक लापरवाही और दुर्घटनाएँ, भीड़, प्रशासनिक लापरवाही और दुर्घटनाएँ आजकल एक महत्वपूर्ण समस्या बन गई हैं। प्रशासनिक लापरवाही का अर्थ है सरकारी या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन न करना। यह लापरवाही कई प्रकार की हो सकती है जैसे कि सड़कों की खराब स्थिति, यातायात नियमों का ठीक से पालन न करना। या आपातकालीन सेवाओं की उपेक्षा जब प्रशासनिक लापरवाही होती है, तो इसका जनता पर सीधा प्रभाव पड़ता है भीड़ प्रबंधन में लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण धार्मिक राजनीतिक या सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देखा जा सकता है जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि सभाएं होती हैं, अगर अधिकारियों द्वारा उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती है, तो इससे भगदड़ और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
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दोस्तों इस तरह के बाबाओं द्वारा चलाई जा रही धर्म की दुकानों पर आपका क्या मानना है, क्या आपको भी लगता है कि इन पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इनको ऐसे ही चलते ही रहने देना चाहिए? या फिर हर धर्म और संप्रदाय के प्रमुखों द्वारा धर्म के वास्तविक उद्देश्यों का प्रचार प्रसार कर अंधविश्वास में पड़े लोगों को धर्म का वास्तविक मर्म समझाना चाहिए। जो भी आप इस मसले पर क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें ग्रामवाणी पर
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार मिलना सामाजिक न्याय और समानता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। समाज की प्रगति और विकास के लिए यह अवधारणा आवश्यक है। महिलाओं को समान अधिकार देने से न केवल उनका व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं। सबसे पहले शिक्षा का अधिकार है। उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने का समान अवसर मिले ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सशक्त तरीके से समाज में अपनी भूमिका निभा सकें। यह भी महिलाओं के आर्थिक और स्वतंत्रता अधिकारों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुंच भी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि स्वस्थ जीवन जीने के लिए महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं और प्रसूति देखभाल की सुविधा मिल सके।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें पानी बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए। इसे रोकने के लिए, हमें नल और पाइप के रिसाव को तुरंत ठीक करना चाहिए, और पानी के अत्यधिक उपयोग को कम करने के लिए, हमें शॉवर बाथटब और सिंक में पानी की मात्रा को नियंत्रित करना चाहिए। हम बर्तन धोते समय नल बंद करने, कार धोने के लिए बाल्टी का उपयोग करने और पौधों को पानी देने के लिए सुबह या शाम का समय चुनने जैसे छोटे बदलाव करके भी पानी बचा सकते हैं, जिससे पानी की प्राप्ति कम हो जाती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के भूमि सशक्तिकरण का अधिकार एक अनकही कहानी है। यह ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। परंपरागत रूप से, भूमि का स्वामित्व पुरुषों के हाथों में रहा है, जिससे महिलाओं को आर्थिक निर्भरता और सामाजिक समानता मिली है। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को भूमि अधिकार प्रदान करना है ताकि वे न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें बल्कि समाज में भी उनकी आवाज हो सके।