गोरखपुर: गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला ने संसद में मौर्य एक्सप्रेस को पुरी तक चालने की मांग की। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के पहलवानों ने सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा रामगढ़ ताल किनारे प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए तीन कंपनियां आई आगे। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुल सचिव को छात्रों ने सौपा ज्ञापन। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में स्टाफ नर्सो की शुरू हुई बायोमेट्रिक हाजिरी। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कई पार्षद हुए भाजपा में शामिल। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन की ओर से कल से शुरू होगी चतुर्थ गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य यात्रा। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।
गोरखपुर: केनरा बैंक ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर को सौपी एम्बुलेंस । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।
आज की कड़ी में हम सुनेंगे की सोशल मीडिया के द्वारा कैसे हमारी जानकारीयां कहीं और भी जा रही होती है
आप सभी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है किसी ने देखा भी हो। मोटा-मोटी कहा जाए तो हर कोई जानता है कि बूथ कैप्चरिंग क्या होती है और कैसे होती है। इसको और बेहतर तरीके से समझना हो तो इस तरह से भी देखा जा सकता है कि भारत में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में सुरक्षा बल एक अनिवार्य जरूरत हैं। सुरक्षा बलों के बिना निष्पक्ष चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले 75 सालों में इस एक मसले पर कुछ भी नहीं बदला है। यह हाल तब है जब पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों को देख कर डरने की प्रवत्ति आम है। ऐसे में कहना कि चुनाव निष्पक्ष होते हैं एक क्रुर मजाक से ज्यादा कुछ नहीं।
