सुबह और शाम कोहरे के साथ खुशगवार रहेगा मौसम बारिश के बाद बदला मिजाज
गोरखपुर। चंद्रकांति रमावती देवी आर्य महिला पी जी कॉलेज दीवान बाजार गोरखपुर में वाणिज्य विभाग एवं प्लेसमेंट सेल के संयुक्त तत्वाधान में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय "फिनटेक में करियर के अवसर" रहा। मुख्य अतिथि के रूप में नीतीश श्रीवास्तव जी (पुणे इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में वित्त विषय के सहायक प्रोफेसर ) रहे । उन्होंने "फिनटेक" विषय पर छात्राओ को संबोधित करते हुए बतया की तकनिकी ज्ञान तथा संचार कुशलता के बिना व्यक्तित्व विकास संभव नही है साथ ही उन्होंने वर्तमान में नए रोजगार के अवसरों के विषय में छात्राओ को जागरूक कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कायर्क्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय की संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत से हुआ | कार्यक्रम का संचालन डॉ० धीरज कुमार द्वारा किया गया एवं अतिथि परिचय महाविद्यालय प्रबंधक डॉक्टर विजयलक्ष्मी मिश्रा द्वारा तथा उपप्राचार्य डॉक्टर स्वप्निल पांडे ने आभार ज्ञापन कर कार्यक्रम को सफल बनाया | प्राचार्या डॉ० सुमन सिंह, प्रवक्ता डॉ० निशा श्रीवास्तव, डॉ० रेखारानी शर्मा ,डॉ० प्रीति त्रिपाठी, कृति पांडे, शिवांगी यादव, श्रेया द्विवेदी समस्त प्रवक्तागण एवं समस्त छात्राएं उपस्थित रहीं।
गोरखपुर। जिले के आयुष, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सक भी टीबी और कुष्ठ रोगी खोज कर उनका उपचार करवाने में मददगार बनेंगे । इसी उद्देश्य से पहली बार जिले के ऐसे तीन सौ से अधिक चिकित्सकों का एनेक्सी भवन सभागार में गुरूवार की देर शाम तक संवेदीकरण किया गया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में हुई इस संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान चिकित्सकों को यह भी बताया गया कि गैर सरकारी नियमित चिकित्सक के अलावा अगर कोई चिकित्सक नया टीबी मरीज खोज कर नोटिफिकेशन करता है तो उसे राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 500 रुपये सूचनादाता के तौर पर उसके खाते में दिये जाते हैं । कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला क्षय और जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ गणेश यादव ने कहा कि अगर किसी को भी दो सप्ताह से अधिक की खांसी, पसीने के साथ बुखार, सीने में दर्द, बलगम में खून आने, सांस फूलने, भूख न लगने और अत्यधिक कमजोरी की दिक्कत हो तो उसे टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए । इसकी सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर भी उपलब्ध है । जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है और उसके निकट सम्पर्कियों की भी जांच कर बचाव के सभी उपाय किये जाते हैं। टीबी मरीज जब उपचार लेना शुरू कर देता है तो तीन सप्ताह के बाद उससे दूसरे लोगों को टीबी संक्रमण की आशंका नहीं रह जाती है । यही वजह से कि टीबी के लक्षण वाले अधिकाधिक मरीजों की टीबी जांच कर समय से उनका उपचार करने पर जोर है । सभी चिकित्सकों को चाहिए कि अपने ओपीडी में आने वाले मरीजों में से पांच से दस फीसदी की टीबी जांच अवश्य करवाएं। डॉ गणेश यादव ने कहा कि अगर शरीर पर सुन्न दाग धब्बे हैं जो चमड़ी के रंग से हल्के हों तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है । इसके जांच और इलाज की सुविधा सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है । जांच व इलाज में देरी होने पर यह दिव्यांगता और विकृति का रूप ले सकता है । उपचार लेने वाले कुष्ठ रोगी से इसके संक्रमण का खतरा नहीं होता है । कुष्ठ न तो पूर्व जन्म का पाप है और न ही यह वंशानुगत बीमारी है। छह माह (पीबी कुष्ठ रोग) से एक वर्ष तक (एमबी कुष्ठ रोग) के इलाज से यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है । कुष्ठ मरीजों को जिला कुष्ठ रोग कार्यालय द्वारा विभिन्न विभागीय और सामाजिक योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है जिसके लिए किसी भी कार्यदिवस पर सम्पर्क किया जा सकता है । कार्यक्रम को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ मीनू सोनी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ मीना दोहरे, मंडलीय यूनानी अधिकारी डॉ अब्दुल बारी और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय आनंद ने भी सम्बोधित किया । इस मौके पर उप जिला क्षय रोग अधकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डॉ दीपक चतुर्वेदी, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग और आसिफ प्रमुख तौर पर मौजूद रहे । *मिलीं कई अहम जानकारियां* कार्यक्रम की प्रतिभागी व आयुष चिकित्सक डॉ स्वाति त्रिपाठी ने बताया कि वह 14 वर्षों से प्रैक्टिस कर रही हैं। टीबी के बारे में तो बेसिक जानकारी थी लेकिन पहली बार इससे जुड़ी योजनाओं के बारे में इतने विस्तार से जानकारी मिली है । हमे बताया गया है कि खांसी और बुखार वाले पांच से दस फीसदी मरीजों की टीबी जांच अवश्य करवानी है । टीबी मरीज का इलाज चलने तक प्रति माह 500 रुपये की दर से पोषण के लिए धनराशि उसके खाते में भेजी जाती है । पिछले 13 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे आयुष चिकित्सक डॉ धनंजय ने बताया कि कुष्ठ के बारे में पहली बार विस्तार से जानने को मिला है । सुन्न दाग धब्बों के अलावा नसों में सूजन और मोटापन के लक्षण वाले मरीजों की स्क्रिनिंग कर कुष्ठ जांच करवाना है। कुष्ठ का सम्पूर्ण इलाज संभव है । *जिले की स्थिति* डॉ गणेश यादव ने बताया कि जिले में इस समय 277 कुप्ठ रोगी उपचाराधीन हैं। 9496 ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 361 ड्रग रेसिस्टेंट मरीज भी उपचार ले रहे हैं । जिले में 122 फीसदी टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ है । अधिकाधिक टीबी और कुष्ठ मरीजों को खोज कर उपचार देने के उद्देश्य से जिले में प्रभावशाली समूहों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
गोरखपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार दिनांक 09.03.2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक वादों का निस्तारण कराये जाने के उद्देश्य से जनपद न्यायाधीश तेज प्रताप तिवारी की अध्यक्षता में आज विभिन्न विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की गई। उक्त बैठक में जनपद न्यायाधीश के साथ ही साथ माननीय पीठासीन अधिकारी वाणिज्यिक न्यायालय, अपर जनपद न्यायाधीश-प्रथम/नोडल अधिकारी, अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस अधीक्षक नगर, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहें। जनपद न्यायाधीश एवं पीठासीन अधिकारी वाणिज्यिक न्यायालय द्वारा उपस्थित अधिकारीगण को उक्त लोक में अधिकाधिक वादों का निस्तारण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इसके अतिरिक्त सभी प्रशासनिक अधिकारियों को उक्त लोक अदालत का व्यापक स्तर पर ग्रामीण अंचलों में भी प्रचार-प्रसार कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिससे आम जनमानस अपने वादों का उक्त लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित कर, लाभान्वित हो सके। यह जानकारी रामकृपाल, अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर द्वारा दी गई।
गोरखपुर। मंडलायुक्त अनिल ढींगरा के निर्देश पर अपर आयुक्त कुंवर बहादुर सिंह ने पुराने कलेक्ट्रेट में चल रहे कोर्ट और पर्यटन विभाग में चल रहे समस्त संभाग के पटलो का वार्षिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सम्पूर्ण कलेक्ट्रेट परिसर का भ्रमण कर वहाँ स्थित विभिन्न पटलों का निरीक्षण कर विभिन्न कार्यों एवं व्यवस्थाओं का अवलोकन किया तथा संबंधित को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
गोरखपुर। सैंथवार-मल्ल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगा सिंह सैंथवार ने कहा कि सैंथवार-मल्ल समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए संकल्प महारैली का आयोजन 11 फरवरी 2024 को चम्पा देवी पार्क में आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि सैंथवार-मल्ल समाज के लोग सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहें है। सभी लोगों के सहयोग से संगठन ने निर्णय लिया है समाज के गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा और गरीब बच्चियों की विवाह कराने में मददगार होगा साथ ही राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए समाज को अपने हक के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सैंथवार- मल्ल समाज सभी दलों के साथ रहता है लेकिन खुद को समाज हासिये पर है। यही वजह है कि समाज अपने पैरो पर खड़ा हो रहा है और गांव से लेकर ब्लॉक स्तर पर जागरूकता फैलाकर संगठन तैयार कर रहा है। यह संगठन समाज के दबे कुचले लोगों के साथ समय-समय पर खड़ा हेगा और उनकी मदद के लिए हर सम्भव प्रयास करेगा।
पक्ष विपक्ष
Rajeev की डायरी कड़ी संख्या 17 कैसी हो हमारी 2024 की शिक्षा
Kadi संख्या चार चलो चले दरभंगा ब्लॉक भाग 1
मार्च में ही शुरू हो जाएगी गेहूं की खरीद, जल्दी करा लें पंजीकरण; इतना है समर्थन मूल्य
