उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज में सामाजिक रीति-रिवाज और परंपराएं अभी भी प्रचलित हैं। भारत सरकार ने सभी स्कूलों में लड़कियों को मुफ्त स्कूल प्रदान किए हैं उसमे मुफ्त शिक्षा को अनिवार्य बना दिया है लेकिन संसाधनों की कमी के कारण इसे ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है। महिलाओं की निरक्षरता दर के पीछे संसाधनों की कमी एकमात्र कारण नहीं है। लोगों की मानसिकता भी इसके मुख्य कारणों में से एक है। आज भी हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका घर और परिवार की देखभाल तक ही सीमित मानी जाती है। यह मानसिकता धीरे-धीरे बदल रही है, लेकिन महिलाओं की रक्षात्मकता को पूरी तरह से बदलने में समय लगेगा। इस दर के पीछे कई कारण हैं, सबसे महत्वपूर्ण कारण उचित संसाधनों की कमी है, भारत में अधिकांश महिलाएं बेसहारा हैं क्योंकि उन्हें शिक्षा के लिए जाने की अनुमति नहीं है, समाज सोचता है कि पुरुषों को अपने बच्चों, विशेष रूप से लड़कों को शिक्षित करना चाहिए। क्योंकि उन्हें लगता है कि महिलाओं की भूमिका केवल घर और परिवार की देखभाल करने के लिए है यदि वह स्कूल या विश्वविद्यालय जाना शुरू कर देती है तो उसके घर की देखभाल कौन करेगा सिवाय कभी-कभी जब महिलाएं अपने बच्चों को स्कूल ले जाती हैं। तो उन्हें पुरुषों के साथ समक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है।