उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता राजकिशोरी सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में महिला शिक्षा का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लड़कियां और महिलाओं को शिक्षित करना ही महत्वपूर्ण नही है बल्कि उनको बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना भी आवश्यक है। विकासशील देशों में महिलाओं की साक्षरता दर पुरुषों की तुलना में कम है।महिलाओं में निरक्षरता की इस दर के पीछे मुख्य कारण उचित संसाधनों की कमी है। महिला शिक्षा भारत में महिला शिक्षा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारतीय महिलाओं की साक्षरता दर 64.6% थी। यह संख्या पुरुषों की साक्षरता दर, जो 80.9% है, की तुलना में काफी कम है। महिलाओं में निरक्षरता की इस दर के पीछे कई कारण हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण उचित संसाधनों की कमी है। भारत में, ज़्यादातर महिलाएँ निरक्षर हैं क्योंकि उन्हें शिक्षा के लिए जाने की अनुमति नहीं है। समाज सोचता है कि पुरुषों को अपने बच्चों, खासकर लड़कियों को शिक्षित करना चाहिए, क्योंकि उन्हें लगता है कि महिलाओं की भूमिका केवल घर और परिवार की देखभाल करना है। अगर वह स्कूल या विश्वविद्यालय जाने लगे, तो उसके घर की देखभाल कौन करेगा? इसके अलावा, कभी-कभी जब महिलाएँ अपने बच्चों को स्कूल भेजती हैं, तो उन्हें अपने पुरुषों के समकक्षों के साथ एक ही कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होती है।