उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार है और जब हम सभी कहते हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महिलाएं समाज का एक हिस्सा हैं। समाज में एक बड़ी आबादी महिला है और हम इतनी बड़ी आबादी को अनपढ़ नहीं रख सकते हैं, इससे हमे बहुत बड़ा नुकसान होगा। यह सभी लड़कियों और महिलाओं को चाहे वे अमीर हों या गरीब हो ,चाहे युवा हो या वृद्ध, विवाहित हो या अविवाहित या विधवा या किसी भी सामाजिक स्थिति में, शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। शिक्षा कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं है बल्कि एक मौलिक अधिकार है। असमानता और भेदभाव हमेशा जड़ से शुरू होता है। एक समय ऐसा भी आता है जब एक लड़का स्कूल जाता है, उसकी बहन सिर्फ लड़की होने के कारण स्कूल नहीं जाती है, तो लड़की के दिमाग में भेदभाव का बीज बोया जाता है, उसे लगता है कि वह सिर्फ इसलिए श्रेष्ठ है क्योंकि वह एक लड़का है और किसी को इसे साबित करना पड़ता है। इसका कोई तर्कसंगत तर्क नहीं है कि जब महिलाएं लड़कों के साथ स्कूल और कॉलेज जाती हैं और शिक्षा में भाग लेती हैं, तो लड़कों को शिक्षा के अपने बुनियादी अधिकारों का एहसास होता है और उनमें श्रेष्ठता की भावना विकसित नहीं होती है।