उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भारत गाँवों का देश है जिसमें सत्तर प्रतिशत गाँव शामिल हैं और उस गाँव की मजबूत कड़ी महिलाएं हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, जिसका उद्देश्य ज्यादातर शहरों में देखा जाता है, लेकिन हमारे गांव की महिलाएं अभी भी आजाद नहीं हैं। कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है, यह हर चीज के लिए पुरुषों पर निर्भर है। भूमि का अधिकार सरकार की पहली प्राथमिकता है क्योंकि जब हमारी महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलता है, तो यह उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करता है। अगर उन्हें जमीन मिलती है, तो वे इसकी खेती कर सकते हैं, इसमें विभिन्न प्रकार की फसलें उगा सकते हैं, इसे बेच सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है, इससे उनका भविष्य भी मजबूत होगा, उनके बच्चे उसी भूमि के लिए उनके आदर्श बनेंगे। आज कितने माता-पिता को उनके बच्चे बाहर निकाल देते हैं, वे भी अपना जीवन अनाथ के रूप में जी रहे हैं। लेकिन इतनी मेहनत करने के बावजूद हमारी महिलाएं आज बहुत पीछे हैं। पुरुष वर्ग चाहता है कि वे घर का काम और बच्चे संभाले ।इससे महिलाओं की आगे बढ़ने की क्षमता कम होती है, उन्हें भी आगे बढ़ने की जरूरत होती है। हम बेटियों को पढ़ाते हैं,लिखाते हैं उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन उनके पास जो भी हिस्सा है उन्हें दें ताकि उनका भविष्य बेहतर हो सके.यह शहर में ठीक है लेकिन गाँव की महिलाओं को आगे बढ़ाने का उद्देश्य निर्धारित करें और जब गाँव आगे बढ़ेंगे तो हमारा देश विकास करेगा, गाँवों का विकास होगा और शहरों का भी विकास होगा।