अपना देश भारत अगली सदी में भी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। भारत की जनसंख्या 2060 के दशक के मध्य में चरम पर होगी। इस रिपोर्ट में जानें सरकार क्या कर रही और देश के कौन से राज्यों में है सबसे ज्यादा फर्टिलिटी अर्थात प्रजनन की दर...! देश के 31 राज्यों ने जनसंख्या वृद्धि दर पर काबू किया है, लेकिन ऐसे 5 राज्य हैं जहां देश की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत दुनियां की सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत की आबादी चीन से भी आगे निकल गई है। जिसके कारण हमारे संसाधन कम होते जा रहे हैं और यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में हम पानी के लिए भी तरस जाएंगे। अभी हाल ही में हमने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत का हाल देखा भी है। देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) पर खुद को सीमित कर लिया है। 2.1 अर्थात एक परिवार (एक माता-पिता) की एक संतान इस फर्टिलिटी रेट को भारत की जनसंख्या के हिसाब से बेहतर फर्टिलिटी रेट बताया जा रहा है। इससे भारत में न तो नौजवानों की कमी होगी और न ही बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों की तुलना में ज्यादा बढ़ेगी। इस समय जापान ऐसी ही समस्या से जूझ रहा है। वहां बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों से बहुत अधिक हो गई है। विश्व जनसंख्या दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस समस्या को काबू करने के लिए हाई फर्टिलिटी रेट वाले राज्यों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। जेपी नड्डा ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकेगा, जब भारत के लोग स्वस्थ रहें और यह तभी मुमकिन है जब परिवार छोटे हों। 1950 में भारत का टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 6.18 था, 1980 तक यह 4.6 पर आ गया। 2021 में टीएफआर 1.91 हो गया था। यह स्टेबल (स्थिर) जनसंख्या के लिहाज से नीचे था। एक अध्ययन में हाल ही में कहा गया है कि भारत की टीएफआर 2050 तक 1.29 हो सकती है। सबसे अधिक प्रजनन वाले राज्यों में बिहार में प्रजनन दर 3 है, मेघालय में 2.9, उत्तर प्रदेश में 2.4, झारखंड में 2.3 और मणिपुर में 2.2 है। वहीं कम प्रजनन वाले राज्यों में सिक्किम में प्रजनन दर 1.1 है, गोवा में 1.35, लद्दाख में 1.35, लक्षद्वीप में 1.38 और चंडीगढ़ में 1.39 है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 अरब तक पहुंच जाने का अनुमान है, और उसके बाद इसमें 12 प्रतिशत की कमी आएगी, लेकिन इसके बावजूद यह पूरी शताब्दी के दौरान विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले 50-60 वर्षों के दौरान दुनियां की जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है साथ ही 2024 में यह 8.2 अरब तक पहुंच जाएगी, जबकि 2080 के दशक के मध्य तक लगभग दुनियां की आबादी लगभग 10.3 अरब हो जाएगी। हालांकि, चरम स्थिति पर पहुंचने के बाद वैश्विक जनसंख्या में धीरे-धीरे गिरावट आने का अनुमान है और यह सदी के अंत तक घटकर 10.2 अरब रह जाएगी। भारत पिछले साल चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है, और वर्ष 2100 तक उसी स्थान पर बना रहेगा। जनसंख्या विशेषज्ञ मनु गौड़ ने कहा कि यह बहुत विचित्र स्थिति है। मजे की बात यह है कि 1952 में सबसे पहले भारत ने परिवार नियोजन की प्लानिंग की थी और आज हम दुनियां में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुके हैं। जनसंख्या के मामले में यह हमारी अब तक की सरकारों की नाकामियों को दर्शाता है। भारत सरकार को जल्दी ही इस पर एक नीति बनाने की जरूरत है। यह जो अभी के आंकड़े हैं, वो सैंपल हैं, हमारे असली आंकड़े 2011 के हैं। इसके बाद जनगणना नहीं हुई है। इसे भी जल्दी कराने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि पड़ोसी देश पाकिस्तान का क्या होगा..? संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि अगले 30 वर्षों में पाकिस्तान दुनियां का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। पाकिस्तान की वर्तमान जनसंख्या 251 मिलियन से बढ़कर 2054 में 389 मिलियन हो जाएगी। पाकिस्तान की जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका और इंडोनेशिया से आगे निकल जाएगी। तब भारत की जनसंख्या 1.69 अरब और चीन की 1.21 अरब होने का अनुमान है। आंकड़े बताते हैं कि अब हमें देश की खुशहाली के लिए जनसंख्या नियंत्रण के मामले में सख्त और कड़े फैसले लेने की जरूरत है।